Maulana Arshad Madani: देश की सर्वोच्च अदालत बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. ऐसे में पूरे देश की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रहेंगी. जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दाखिल याचिका पर भी 16 अप्रैल को ही सुनवाई होगी.
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल 2025 को सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में जमीयत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
‘उम्मीद है कि हमें अदालत से न्याय मिलेगा’
अरशद मदनी ने बताया कि जमीयत ने न केवल वक्फ संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती दी है, बल्कि कानून को लागू होने से रोकने के लिए अंतरिम निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया है. याचिका में कहा गया है कि यह कानून असंवैधानिक है और वक्फ प्रशासन और वक्फ व्यवस्था दोनों के लिए विनाशकारी है. जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका का डायरी नंबर 18261/2025 है. उम्मीद है कि हमें अदालत से न्याय मिलेगा.
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्नवनाथन की पीठ बुधवार को वक्फ कानून के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. देश भर में वक्फ की 8 लाख 70 हजार संपत्तियां हैं. इन संपत्तियों की कुल कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा बताई जाती है, जो साढ़े 9 लाख एकड़ जमीन पर फैली हुई हैं.
वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में कल 16 अप्रैल 2025 को सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता @KapilSibal जमीयत का प्रतिनिधित्व करेंगे। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने न केवल वक्फ संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती दी…
— Arshad Madani (@ArshadMadani007) April 15, 2025
मदनी समेत कुल 10 याचिकाओं पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुबह 11 बजे से सुनवाई कर सकता है. सर्वोच्च अदालत असदुद्दीन औवैसी, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतउल्ला खान, मौलाना अरशद मदनी समेत कुल 10 याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करेगी. वक्फ कानून लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद 5 अप्रैल को देशभर में लागू कर दिया गया है. 7 अप्रैल को मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. वक्फ कानून के खिलाफ अब तक 2 दर्जन से भी ज्यादा याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं.
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