Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को संसद से मंजूरी मिलने के बाद देश के कई राज्यों में प्रदर्शन शुरू हो गया है. इस बीच वक्फ बिल पर केंद्र सरकार को समर्थन दे रहे एनडीए के घटक दलों के भीतर भी आपसी खिंचतान देखने को मिल रहा है. नीतीश कुमार की जेडीयू और जयंत चौधरी की आरएलडी के नेताओं ने तो इस्तीफा तक दे दिया. जनता दल यूनाईटेड का रुख विधेयक में पक्ष में होने के कारण पार्टी के मुस्लिम नेता नाराज हो गए हैं.
जेडीयू-आरएलडी के इन नेताओं ने दिया इस्तीफा
जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मो. शाहनवाज मलिक, प्रदेश महासचिव मो. तबरेज सिद्दीकी अलीग, भोजपुर से पार्टी सदस्य मो. दिलशान राईन और पूर्वी चंपारण जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रवक्ता कासिम अंसारी ने इस्तीफा दे दिया. इन नेताओं का कहना है कि पार्टी ने लाखों मुसलमानों का भरोसा तोड़ दिया है. जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी के भीतर भी वक्फ बिल को सपोर्ट करने के बाद नाराजगी बढ़ गई है.
पार्टी अपना रास्ता भटक चुकी- RLD नेता
आरएलडी के हापुड़ के जिला प्रमुख मोहम्मद जकी ने वक्फ बिल पर पार्टी के रुख को देखते हुए इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर मुसलमानों और वंचित समुदायों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. उन्होंने पार्टी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि आरएलडी ने समाज के सभी समुदायों को साथ लेकर चलने और ईमानदार राजनीति करने का वादा किया था, लेकिन अब पार्टी अपना रास्ता भटक चुकी है.
चिराग पासवान को भी लगा झटका
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की एलजेपी (आर) के भीतर भी इस बिल को सपोर्ट करने के बाद सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. एलजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अली आलम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि बिल मुसलमानों के खिलाफ है. बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में मुस्लिम नेताओं का जेडीयू और एलजेपी से इस्तीफा देना बड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने कहा है कि उनकी पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक है.
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