भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आतंक का कोई मज़हब नहीं होता और जवाब देने के लिए हमारे पास अब सिर्फ बंदूकें नहीं, बल्कि महिला शक्ति की भी ताकत है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब देश की सुरक्षा एजेंसियों ने प्रेस के सामने अपना पक्ष रखा, तो इस ऐतिहासिक पल की कमान कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संभाली.
यह पहली बार हुआ जब दो महिला सैन्य अधिकारियों ने किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन पर आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की अगुवाई की. उनके आत्मविश्वास और साहस से भरे शब्द न सिर्फ भारत के जवाब को दुनिया के सामने लाए, बल्कि ये भी दिखाया कि अब देश की रक्षा में महिलाएं भी पूरी ताकत से मोर्चा संभाल रही हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार इस पूरे ऑपरेशन के कमांड सेंटर में महिला अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी.
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
7 मई की सुबह भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओजेके में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकानों पर सटीक हमले किए. इस ऑपरेशन का नाम “ऑपरेशन सिंदूर” रखा गया. जो उन लोगों की पत्नियों और परिवारों के सम्मान में था, जिन्होंने इस हमले में अपनों को खोया.
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
कर्नल सोफिया कुरैशी ने 1990 में सेना में कमीशन लिया था. साल 2016 में वो पहली महिला अधिकारी बनीं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास (Force 18) में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया. वो कांगो शांति मिशन 2006 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी
2004 में एयरफोर्स में कमीशन पाने वाली व्योमिका सिंह हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कई जोखिम भरे मिशनों का हिस्सा रही हैं. बाढ़ राहत कार्यों में उनकी भूमिका के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ की ओर से सराहना मिल चुकी है. 2017 में उन्हें विंग कमांडर की रैंक मिली और तब से वो कई अहम ऑपरेशनों का हिस्सा रही हैं.
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