भारतीय वायुसेना की बहादुर महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह देश की उन चुनिंदा अफसरों में से एक हैं, जिन्होंने आसमान की ऊंचाइयों को न केवल छुआ है, बल्कि वहां मिसाल भी कायम की है. 18 दिसंबर 2004 को उन्होंने शॉर्ट सर्विस कमीशन (महिला) फ्लाइंग पायलट कोर्स के तहत वायुसेना में कदम रखा था. उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह युवा अफसर आने वाले समय में भारतीय वायुसेना का गर्व बन जाएंगी.
आज व्योमिका सिंह 2,500 घंटे से ज्यादा की सफल उड़ानें पूरी कर चुकी हैं. इन उड़ानों में उन्होंने कई बार जोखिम भरे मिशन भी पूरे किए हैं चाहे वो ऊंचे पहाड़ हों, घने जंगल हों या तपते हुए रेगिस्तान. उन्होंने ‘चेतक’ और ‘चीता’ जैसे हल्के हेलिकॉप्टर उड़ाए हैं, जो आमतौर पर राहत और बचाव कार्यों में इस्तेमाल किए जाते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से विंग कमांडर व्योमिका सिंह लगातार चर्चा में हैं.
जब बनीं विंग कमांडर
वर्ष 2017 में व्योमिका को विंग कमांडर के पद पर प्रमोट किया गया. यह रैंक वायुसेना की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. इस रैंक पर तैनात अफसर अक्सर स्क्वाड्रन या ऑपरेशनल यूनिट्स की कमान संभालते हैं. यानी अब वे सिर्फ उड़ान नहीं भरतीं, बल्कि मिशनों की रणनीति बनाने और उन्हें अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाती हैं.
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कितना वेतन मिलता है?
रिपोर्ट्स के अनुसार विंग कमांडर के तौर पर व्योमिका सिंह को हर महीने लगभग 90,000 से 1,20,000 रुपये तक का वेतन मिलता है. इसके अलावा उन्हें कई सरकारी सुविधाएं भी दी जाती हैं. जिनमें सरकारी आवास या हाउस रेंट अलाउंस (HRA), सेना की गाड़ी और ड्राइवर, फ्री मेडिकल सुविधा (स्वयं और परिवार के लिए), क्लब और कैंटीन की सुविधा आदि हैं.
8वें वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी सैलरी?
8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद उनकी सैलरी में करीब 20% से 25% तक का इजाफा हो सकता है. ऐसे में अनुमान है कि विंग कमांडर जैसे अधिकारियों का वेतन 1.10 लाख से 1.50 लाख रुपये प्रति माह तक पहुंच सकता है. इसके साथ ही भत्तों में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है.
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