Abraham Accord: अब्राहम समझौता, जिसने इजरायल और कई अरब देशों के बीच संबंध सामान्य किए थे, अब संकट में है. यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में, सितंबर 2020 में हुआ था. इसके तहत संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समेत कई अरब देशों ने इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य किए.
UAE ने अब चेतावनी दी है कि अगर इजरायल वेस्ट बैंक पर कब्जा करता है तो यह समझौते को नुकसान पहुंचाएगा और राष्ट्रपति ट्रंप की उम्मीदें कमजोर हो सकती हैं.
इजरायल की वेस्ट बैंक पर कब्जे की योजना
यूएई की चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब इजरायल फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से पर कब्जा करने की योजना पर विचार कर रहा है. इसे फिलिस्तीनी क्षेत्रों को मान्यता देने वाले पश्चिमी देशों के कदमों का जवाब माना जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ही ऐसा कर सकते हैं कि इस कदम को रोका जा सके. यूएई का संदेश स्पष्ट है कि अगर अमेरिका इजरायल को नहीं रोकेगा, तो ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति के अहम प्रयासों पर संकट आ सकता है.
UAE ने वेस्ट बैंक को रेड लाइन बताया
यूएई पहले भी इजरायल को चेतावनी दे चुका है कि वेस्ट बैंक पर कब्जा करना ‘रेड लाइन’ पार करना होगा. UAE का कहना है कि इससे अब्राहम समझौते की भावना कमजोर होगी. एक वरिष्ठ अमीराती अधिकारी ने इसे दो राज्य समाधान के लिए खतरे के रूप में बताया. फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने UAE के रुख का स्वागत किया है, जबकि इजरायली सरकार ने फिलहाल कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू की सरकार में दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने हाल ही में वेस्ट बैंक के लगभग चार पांच हिस्सों पर कब्जा करने का प्रस्ताव रखा.
1967 के छह दिवसीय युद्ध के बाद से इजरायल ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में करीब 160 बस्तियां बसाईं, जिनमें लगभग 7 लाख यहूदी रहते हैं. वहीं 33 लाख फिलिस्तीनी इन बस्तियों और आसपास के इलाकों में रहते हैं. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ये बस्तियां अवैध मानी जाती हैं, और फिलिस्तीनी इसे भविष्य में एक स्वतंत्र राष्ट्र के लिए चाहते हैं.