Nirmala Sitharaman On GDP: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश का सतत विकास बनाए रखना और आर्थिक विकास की रफ्तार के लिए महत्वपूर्ण सार्वजनिक पूंजीगत खर्चों को बढ़ावा उनकी प्राथमिकताओं में है. उनका यह बयान इस मायने में काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि वित्त वर्ष 2025 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ी है. अर्थव्यवस्था की यह गति पिछले चार वर्षों के दौरान सबसे कम है. अगर उसके पहले के वित्त वर्ष 2023-24 से तुलना करें तो तब आर्थिक रफ्तार 9.2 प्रतिशत थी.
चुनौतियों के बीच GDP ग्रोथ पर फोकस
आर्थिक सर्वे में देश की जीडीपी के वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 6.3 प्रतिशत से लेकर 6.8 प्रतिशत के बीच बने रहने का अनुमान है. हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश की जीडीपी रफ्तार के अपने पूर्वानुमान 6.7 प्रतिशत को कम करते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत कर दिया है.
एक किताब विमोचन कार्यक्रम के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की रफ्तार को बनाए रखना ही प्राथमिकता है. विकास सबसे ऊपर है इसलिए इसका रोजगार से भी सीधा संबंध होगा. उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की प्रासंगिकता बनाए रखना, नेतृत्व की स्थिति में बने रहना और अन्य देशों के साथ मिलकर आगे बढ़ना हमारी अन्य प्राथमिकताओं में शामिल है. इसके साथ ही, निर्मला ने कहा कि ग्लोबल साउथ की आवाज को फिर से परिभाषित करना भी हमारी प्राथमिकता होगी.
सार्वजनिक पूंजीगत खर्च ग्रोथ के अहम फैक्टर
निर्मला ने कहा कि सार्वजनिक पूंजीगत खर्च सतत विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. उन्होंनने कहा कि जब पूंजीगत खर्च लगातार बढ़ता है तो फिर रोजगार, निर्माण और निजी निवेश को बढ़ावा मिलता है. ये सभी मिलकर सतत आर्थिक विकास को संभव बनाते हैं.