पाकिस्तान हथियारों से लेकर आर्थिक मदद तक चीन पर निर्भर है. कई बार उसको चीन का प्रॉक्सी भी कहा जाता है, जिस पर पाक एक्सपर्ट का कहना है कि पाकिस्तान के अंदर क्षमता है कि वो अमेरिका और चीन दोनों के साथ रिश्ते अच्छे रखता है.
क्या पाकिस्तान चीन की शेडो में रहता है और उसके डिप्लोमेटिक असिस्टेंट के तौर पर काम करता है, इस सवाल के जवाब में पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान चीन का असिस्टेंट है. उसकी अपनी एक पहचान है, चीन से ताल्लुकात अच्छे हैं तो ऐसा नहीं है कि हम उसकी सारी बात मान लें.
कमर चीमा ने कहा, ‘हम चीन से हथियार लेते हैं, लेकिन हम उस पर आर्थिक मदद के लिए निर्भर नहीं हैं. वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ ये सब तो वेस्टर्न हैं. हर देश को इन्वेस्टमेंट चाहिए तो उसमें क्या गलत है. चीन ये देखता है कि पाकिस्तानी हमारे साथ अच्छे हैं, हमारा ख्याल करते हैं. देखिए इंडिया के पास तो ऑप्शन हैं. उसका तो अमेरिका दोस्त है, हमें तो अमेरिका नहीं देता एक गोली, हमें तो फ्रांस नहीं देता जहाज का एक टायर भी, इंडिया को तो वह सबकुछ देंगे.’
कमर चीमा ने कहा, ‘पाकिस्तान कोई बड़ी ताकत थोड़े ही है, हम एशिया के अंदर एक छोटी सी रियासत हैं, हमारे अपने मुद्दे हैं, हमारी अपनी एक पॉजीशन है तो हमें देखना होता है कि हमें चीन ज्यादा सूट कर रहा है या अमेरिका. इंडियंस कहते हैं कि पाकिस्तान ने सबके साथ ताल्लुकात अच्छे किए हुए हैं.’
कमर चीमा ने रूस और भारत की दोस्ती पर भी बात की और कहा कि इतने अच्छे संबंध होने के बावजूद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूस ने एक भी बयान नहीं दिया, जो इंडिया चाहता था. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले पर सबने बयान दिए, लेकिन जब भारत ने पाकिस्तान पर स्ट्राइक की तो क्या किसी देश ने उसको एंडोर्स किया, नहीं किया क्योंकि वे पाकिस्तान को एक देश के तौर पर देखते हैं कि हमें पाकिस्तान से ताल्लुक खराब नहीं करने चाहिए.
कमर चीमा ने कहा कि इंडिया मल्टीअलाइनमेंट की बात करता है तो वो तो हमारी भी है. हम चीन और अमेरिका को साथ लेकर चलते हैं. पाकिस्तान के एयर चीफ जहीर बाबर सिद्धू 10 दिन के लिए अमेरिका के दौरे पर गए, वो वापस आए तो चीन के एयर चीफ पाकिस्तान आ गए कि आपने ये सब कैसे किया.