संसद में उठा बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर हमले का मुद्दा, विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

संसद में उठा बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर हमले का मुद्दा, विदेश मंत्रालय ने कही ये बात


Attack on Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की गूंज ब्रिटेन की संसद में सुनवाई दी. ब्रिटेन की संसद में कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा का मुद्दा उठाया. 

इस दौरान उन्होंने कहा कि बंलादेश में हिंदुओं के घर और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जा आ रही है. वहां की अंतरिम सरकार इस मुद्दे पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रही है. ऐसे में ब्रिटेन की जिम्मेदारी बनती है कि वह धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करे. उनके इस सवाल पर ब्रिटिश उप विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर निगाह बनाए हुए है. 

‘यह हिंदुओं पर सीधा हमला है’

कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा, “इस्कॉन मंदिर देश में भक्तिवेदांत का प्रचार करते हैं. इस देश में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर इस्कॉन का है. बांग्लादेश में उनके आध्यात्मिक नेता की गिरफ्तारी हो रही है. वहां पर हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. उनके घरों को जलाया जा रहा है. उनके मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. वहां पर इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश हो रही है. यह हिंदुओं पर सीधा हमला है.”

उन्होंने आगे कहा,”हमने बांग्लादेश को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाया है, ऐसे में ये अब हमारी जिम्मेदारी है. वहां की सरकार में जो बदलाव हुए हैं, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. वहां पर धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है. हमारे पास अभी तक सिर्फ FCDO का केवल एक लिखित बयान ही है. ऐसे में क्या हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता एक मौखिक बयान दे सकती हैं जिसे सदन में लाया जा सके, ताकि लोगों का ध्यान इस मुद्दे पर आए. 

ब्रिटिश मंत्री ने दिया जवाब

हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता लूसी पॉवेल ने इस सवाल के जवाब में कहा, “इस मुद्दे पर बॉब ब्लैकमैन का कदम सही है. हम हर जगह धर्म, विश्वास की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं. जिसमे बांग्लादेश भी शामिल है. मैं इस बारे में विदेश कार्यालय से पूछूंगी और कहूंगी कि इस मुद्दे पर गौर किया जाए. इसके अलावा हम देखेंगे कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को कैसे रोका जा सकता है.”



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