सऊदी अरब का पसीजा दिल! महिला एक्टिविस्ट की 27 साल की सजा घटाई, अब कर दी 4 साल; जानें पूरा मामला

सऊदी अरब का पसीजा दिल! महिला एक्टिविस्ट की 27 साल की सजा घटाई, अब कर दी 4 साल; जानें पूरा मामला


Saudi Arabia Reduces Al Shehab Sentence: सऊदी अरब की एक अदालत ने महिला अधिकार कार्यकर्ता और स्कॉलर सलमा अल-शेहाब की सजा को 27 से घटाकर चार साल कर दिया है. इसके साथ ही चार साल की अतिरिक्त सजा निलंबित कर दी है.  इस फैसले की जानकारी मानवाधिकार संगठनों की ओर से दी गई है, जिसमें यूके स्थित ALQST, जिनेवा स्थित MENA राइट्स ग्रुप, अरब विश्व के लिए लोकतंत्र (DAWN), और फ्रीडम हाउस शामिल हैं.

संगठनों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया, इसे “न्याय के लिए एक बड़े अन्याय को सुधारने के लिए एक अहम कदम” बताया है. संगठनों ने एक खुले खत में लिखा, “हम उम्मीद करते हैं कि अल-शेहाब को अगले कुछ दिनों में रिहा किया जाएगा और सऊदी अधिकारियों से गुजारिश करते हैं कि वह उन्हें पूरी आजादी दी जाए, जिसमें यूके के लीड्स विश्वविद्यालय में अपने पीएचडी की पढ़ाई को पूरा करने के लिए यात्रा करने का अधिकार भी शामिल हों.”

तीनों संगठनों ने अल-शेहाब को होने वाली कष्ट और जेल में उनकी बिगड़ती तबीयत को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने 2023 में अन्य महिलाओं के साथ भूख हड़ताल में उनकी भागीदारी का भी जिक्र किया है. 

कैसे, कब और क्यों गिरफ्तार हुईं थी सलमा अल-शेहाब?

36 वर्षीय पीएचडी की छात्रा और दो बच्चे की मां अल-शेहाब को 15 जनवरी, 2021 को सऊदी अरब में उनकी छुट्टियों के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 10 महीने तक एकांत कारावास में रखा गया और विशेष आपराधिक न्यायालय में मुकदमा चलाने से पहले लंबी पूछताछ का सामना करना पड़ा था. विशेष आपराधिक न्यायालय को लेकर कहा जाता है कि इस निकाय का इस्तेमाल अक्सर असहमतियों को दबाने के लिए किया जाता है.

अल-शेहाब को रीट्वीट करने के लिए मिली सजा

अल-शेहाब को एक्स पर विरोध और असंतोष जाहिर करने वाले अकाउंट को फॉलो और पोस्ट रीट्वीट करने के लिए दोषी ठहराया गया था. मार्च 2022 में शुरू में छह साल की सजा सुनाई गई, लेकिन अगस्त 2022 में अपील पर उसकी सजा को चौंकाने वाले तरीके से 34 साल तक बढ़ा दिया गया.

फिर जनवरी 2023 में, उनकी सजा को 27 साल तक कम कर दिया गया. मानवाधिकार संगठनों ने अल-शेहाब की तत्काल रिहाई और उनकी गलत हिरासत के लिए मुआवजे की मांग को दोहराया. सियासत डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2017 में जब से मोहम्मद बिन सलमान सऊदी क्राउन प्रिंस बने हैं, तब से दर्जनों इमाम, महिला अधिकार कार्यकर्ता और शाही परिवार के सदस्य हिरासत में लिए गए हैं.

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