Diriyah project: भारतीय कंपनियां सऊदी अरब की 63.2 बिलियन डॉलर की महत्वाकांक्षी परियोजना दिरियाह पर बड़े दांव लगा रही हैं. इसे सिटी ऑफ अर्थ के नाम से जाना जाता है. टाटा, ओबेरॉय और ताज होटल्स जैसी बड़ी कंपनियां तो पहले से ही इसमें शामिल हैं. जबकि कई और कंपनियों की भी इस पर नजर है. दिरियाह के सीईओ जेरी इंजेरिलो ने इसका खुलासा किया.
सऊदी अरब की राजधानी रियाद के पास स्थित दिरियाह में 100,000 रेजिडेंशियल यूनिट्स के साथ 100,000 ऑफिस स्पेस भी है. इस प्रोजेक्ट में 40 लग्जरी होटल, 1,000 से अधिक दुकानें, 150 रेस्तरां और कैफे, एक ओपेरा हाउस, म्यूजियम, एक गोल्फ कोर्स और 20,000 सीटों वाला इवेंट एरिना जैसी और भी कई चीजें हैं. इसके सेंटर में यूनेस्को हेरिटेज साइट अत-तुरैफ भी है.
दिरियाह में निवेश के हैं कई मौके
इंजेरिलो ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, हम सऊदी अरब के बड़े ट्रेडिंग पार्टनर्स में से एक के रूप में भारत के प्रभाव को बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार के 52.8 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की भी जानकारी दी. कंस्ट्रक्शन, आईटी और एनर्जी जैसे सेक्टर में पहले से ही 3,000 से अधिक भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं. दीरियाह प्रोजेक्ट का मकसद दोनों देशों के बीच संबंध को और बढ़ाना है. इंजेरिलो ने यह भी कहा, दिरियाह पहले से ही अपने देश व भारत की कंपनियों के साथ मिलकर काम करने के लिए इच्छुक है. इसमें इंवेस्टमेंट के कई अवसर हैं क्योंकि इसमें तरह-तरह के एसेट्स को कवर किया जाता है.
इन सेक्टर भी इंवेस्टमेंट का कर सकते हैं प्लान
दिरियाह में इंवेस्टमेंट की इच्छा पहले से ही कई भारतीय कंपनियां जता चुकी हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ताज होटल का प्लान दिरियाह में अपनी 250वीं प्रोजेक्ट शुरू करने का है, जबकि ओबेरॉय होटल यहां घुड़सवारी और पोलो सेंटर बना रहा है. भारतीय इंवेस्टर्स यहां रेजिडेंशियल, हॉस्पिटैलिटी, एजुकेशन और हेल्थकेयर सेक्टर में इंवेस्टमेंट का सोच सकते हैं.
यह पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र है. अत-तुरैफ और बुजैरी टेरेस के उद्घाटन के बाद से ही यहां तीन मिलियन से ज्यादा लोग आ चुके हैं.
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