सड़े कचरे और गंदी बदबू के बीच सांस ले रहा ब्रिटेन का ये शहर, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप

सड़े कचरे और गंदी बदबू के बीच सांस ले रहा ब्रिटेन का ये शहर, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप



<p style="text-align: justify;">ब्रिटेन का बर्मिंघम शहर इन दिनों कचरे के ढेर में डूबा हुआ है. इस शहर में पिछले चार हफ्तों से कूड़ा उठाने का काम ठप है जिसकी वजह से सड़कों पर लगभग 17,000 टन कचरा पड़ा हुआ है. हालात ये है कि हर जगह सड़ता हुआ कूड़ा, तेज बदबू और चूहे-तिलचट्टों ने लोगों को जीना हराम कर दिया है. बर्मिंघम की गलियां अब गाज़ीपुर के कचरे के ढेर से भी बदतर दिखने लगी हैं और वहां के लोग इस अराजक स्थिति से तंग आ चुके हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्यों है शहर की ऐसी हालत&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल बर्मिंघम शहर के श्रमिक कचरा उठाने और रीसाइकल (WRCO) अधिकारी की नौकरी खत्म करने के विरोध में हड़ताल पर हैं. यह हड़ताल पिछले चार हफ्ते से चल रही है. इस बीच सड़क पर बिखरे कचरे, सड़े हुए बिन्स और बदबूदार गलियों से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. ऐसे में, स्थानीय लोग गुस्से में हैं और सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वे बर्मिंघम को ‘तीसरी दुनिया का देश’ बनाना चाह रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>चूहों और कचरे की भरमार</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बर्मिंघम में इस हड़ताल ने लोगों को तो परेशान कर ही रखा है लेकिन कई व्यवसाय भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. द गार्जियन की एक रिपोर्ट में इस शहर में रहने वाली सुहैल सादिक़, जो एक कार मरम्मत व्यवसायी हैं, बताते हैं कि कचरे के कारण चूहे उनके काम में रुकावट डाल रहे हैं. सादिक़ ने बताया कि पिछले हफ्ते 15 कारों की मरम्मत की गई, जिनकी बैटरी को तार चूहों ने चबा दिए थे. चूहे गर्मी के लिए कारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं और इस वजह से उनका कारोबार भी प्रभावित हो रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कचरा संकट की वजह</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस हड़ताल के पीछे की वजह सिर्फ कचरा संग्रहण कर्मचारी की नौकरी की कटौती नहीं है. यह समस्या साल 2017 से चली आ रही है, उस वक्त भी इस बर्मिंघम में कचरा कर्मचारियों ने हड़ताल की थी. उस समय, काउंसिल ने कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने के लिए एक नया पद बनाया था, जिसे WRCO कहा गया. लेकिन यह पद वास्तव में सिर्फ कर्मचारियों को ज्यादा वेतन देने का एक तरीका था, न कि किसी नए कार्य का निर्माण.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके बाद, बर्मिंघम काउंसिल को महिला कर्मचारियों के समान वेतन के मामले में हार का सामना करना पड़ा। काउंसिल पर यह आरोप था कि उन्होंने पुरुष कर्मचारियों को अधिक वेतन दिया लेकिन महिला कर्मचारियों के लिए वही सुविधाएं नहीं दीं. इससे बर्मिंघम को 1.1 बिलियन पाउंड का भुगतान करना पड़ा था और अब काउंसिल इस वित्तीय संकट से उबरने के लिए कचरा संग्रहण पद को खत्म करने की कोशिश कर रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>श्रमिकों की प्रतिक्रिया और कचरा हटाने की कोशिशें</strong></p>
<p style="text-align: justify;">द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार श्रमिकों का कहना है कि काउंसिल का प्रस्ताव उनके लिए न्यायपूर्ण नहीं है. उनका कहना है कि कचरे के संग्रहण में काम करने वाले श्रमिकों को वेतन में कटौती का सामना करना पड़ेगा, और कुछ कर्मचारियों को नए पद पर काम करने के लिए ट्रेनिंग लेनी होगी.&nbsp;</p>



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