‘सत्ता में आए तो RSS पर लगा देंगे बैन’, मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे के बयान पर धीरेंद्र शास्त्री

‘सत्ता में आए तो RSS पर लगा देंगे बैन’, मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे के बयान पर धीरेंद्र शास्त्री


Dhirendra Shastri on RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर कांग्रेस नेता और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे के विवादास्पद बयान ने देश की सियासत को गरमा दिया है. प्रियांक खरगे ने साफ कहा है कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनती है तो RSS पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाया जाएगा. इस बयान के बाद संत समाज से पहली प्रतिक्रिया बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की ओर से आई है. 

धीरेंद्र शास्त्री बोले – यह विषय सनातन धर्म का नहीं
प्रियांक खरगे के बयान पर जब धीरेंद्र शास्त्री से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा, ‘हम इस पर कुछ कह नहीं सकते हैं. यह पार्टियों के निजी एजेंडे होते हैं.’ उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का इससे कोई लेना-देना नहीं है और वे केवल धर्म और सनातन के विषयों पर ही बात करते हैं.

RSS की धीरेंद्र शास्त्री ने की तारीफ
हालांकि धीरेंद्र शास्त्री ने आरएसएस के कामकाज की खुलकर तारीफ करते हुए कहा, ‘गांवों में कनवर्जन पर लगाम लगी है तो उसका सबसे बड़ा श्रेय RSS को जाता है.’ उन्होंने कहा कि जिस तरह संघ के कार्यकर्ताओं ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए गांव-गांव में काम किया है, वह अद्भुत है. उन्होंने कहा, ‘उन्हें जितना साधुवाद दिया जाए, उतना कम है.’

प्रियांक ने RSS को देश तोड़ने वाला संगठन बताया
प्रियांक खरगे ने आरएसएस को लेकर एक के बाद एक कई तीखे आरोप लगाए. उन्होंने कहा, ‘देश में नफरत कौन फैला रहा है, संविधान को बदलने की बात कौन कर रहा है? जवाब है- RSS.’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस दोबारा सत्ता में आई तो RSS को कानूनी प्रक्रिया के तहत बैन किया जाएगा. प्रियांक ने संघ पर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने, हेट स्पीच देने और संविधान के खिलाफ बयानबाजी करने जैसे आरोप लगाए.

तेजस्वी सूर्या को दी खुली चुनौती
यह पूरा विवाद तब और बढ़ गया जब भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लेकर पोस्ट किया. जवाब में प्रियांक खरगे ने लिखा -‘तेजस्वी, मैं तुम्हें चुनौती देता हूं कि तुम ऊंची आवाज में कहो – मुझे आरएसएस की जरूरत नहीं है, मैं सिर्फ मोदी और नड्डा के नेतृत्व में चुनाव जीत सकता हूं.’ प्रियांक ने सवाल उठाया कि जब देश संकट में होता है, तो प्रधानमंत्री संसद नहीं, नागपुर (RSS मुख्यालय) क्यों जाते हैं?



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *