Sunita Williams Work on ISS: सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरिक्ष में 9 महीने बिताने के बाद धरती पर वापस लौट आए हैं. स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से दोनों एस्ट्रोनॉट्स की धरती पर वापसी हुई है. ये कैप्सूल बुधवार (19 मार्च) की सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा के समंदर में लैंड हुआ. इसमें सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के साथ निक हेग और रूसी एस्ट्रोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी आए. स्पेसएक्स और नासा की टीम ने इन एस्ट्रोनॉट्स को कैप्सूल से बाहर निकाला और उन्हें ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया गया. जहां डॉक्टरों की टीम ने उनका चेकअप किया. सुनीता और बुच विल्मोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर करीब 9 महीने रहे, इस दौरान उन्होंने वहां कई एक्सपेरिमेंट किए और रिसर्च पर काम किया.
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून, 2024 को आईएसएस पर पहुंचे. उनकी यात्रा केवल 8 दिनों की थी, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में आईं कुछ टेक्निकल समस्याओं की वजह से उन्हें नौ महीने तक वहां रहना पड़ा. हालांकि इस मिशन के दौरान सुनीता विलियम्स अलग-अलग कामों में लगी रहीं.
1- सुनीता विलियम्स ने फुटबॉल के मैदान के आकार के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के रख-रखाव और सफाई से लेकर पुराने हार्डवेयर को बदलने तक, आईएसएस को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाई.
2- सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने आईएसएस में 900 घंटे रिसर्च करने पर बिताए. इस दौरान उन्होंने 150 से ज्यादा एक्सपेरिमेंट भी किए. सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली दुनिया की पहली महिला बन गई हैं.
3- नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने इन 9 महीनों के दौरान 62 घंटे 9 मिनट तक स्पेसवॉक भी किया.
4- सुनीता विलियम्स ने आईएसएस पर ग्रैविटी को लेकर रिसर्च किया. यह अध्ययन देखता है कि गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष में तरल प्रणालियों को कैसे प्रभावित करता है. साथ ही ईंधन कोशिकाओं के लिए नए रिएक्टर्स विकसित करने पर भी काम किया.
5- एस्ट्रोनॉट ने सबसे महत्वपूर्ण बायोन्यूट्रिएंट्स परियोजनाओं पर भी रिसर्च किया. इस दौरान उन्होंने आईएसएस पर सब्जियां उगाईं. इसमें शोध किया गया कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ताजे पोषक तत्वों का उत्पादन करने के लिए लाभकारी बैक्टीरिया का उपयोग कैसे किया जाए. यह एक ऐसा कदम है जो अंतरिक्ष यात्रियों को लंबे समय तक पृथ्वी से दूर रहने के दौरान आवश्यक विटामिन और प्रोटीन समेत अन्य तत्वों को प्राप्त करने के तरीके बदल सकता है.
6- सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी को लेकर भी रिसर्च की. नासा के अनुसार, यह तकनीक भविष्य के दीर्घकालिक मिशनों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है.
7- सुनीता विलियम्स ने स्पेस से बताया था कि वह सुबह करीब साढ़े छह बजे उठती हैं और दिन दो घंटे एक्सरसाइज करती हैं. यह एक्सरसाइज उन्हें अंतरिक्ष में रहने से होने वाली हड्डियों की बीमारी से बचाने में मदद करती है.
8- पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर होने के बावजूद सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट डाला था. नासा के मिशन कंट्रोल ने उन्हें बैलट्स भेजे थे, जिन्हें भरकर सैटेलाइट के जरिए वापस भेजा गया. उन बैलट पेपर को न्यू मैक्सिको भेजा गया और सत्यापित किया गया था.
9-एस्ट्रोनॉट्स ने आईएसएस में 2024 का क्रिसमस डे भी सेलिब्रेट किया था और वहां से पृथ्वी पर रहने वाले लोगों को फेस्टिवल की शुभकामनाएं भेजी थीं.
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