समुद्र में बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत, नैवी को मिला आईएनएस ‘निर्देशक’, जानें क्या है खास

समुद्र में बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत, नैवी को मिला आईएनएस ‘निर्देशक’, जानें क्या है खास



<p style="text-align: justify;"><strong>INS Nirdeshak:</strong> हिंद महासगार में भारत को लगातार अपने पड़ोसी देशों से चुनौती मिल रही है. इसी कड़ी में भारतीय नौसेना में अपनी ताकत और ज्यादा बढ़ा लिया है. भारतीय नौसेना को अपना दूसरा सर्वे पोत ‘निर्देशक’ मिल गया है. इसी के साथ नौसेना की ताकत और बढ़ गई है. &nbsp;आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने इसका निर्माण किया है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">सर्वे पोत का जलावतरण रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने किया. इस कैटेगरी का पहला पोत आईएनएस संध्याक इस साल 3 फरवरी को नौसेना में शामिल किया गया था.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जानें क्या है खास&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">समुद्री सर्वेक्षण, नेविगेशन सहायता और समुद्री संचालन को समर्थन देने के लिए आईएनएस निर्देशक को डिजाइन किया गया है. इसमें अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक प्रणालियों जैसे मल्टी बीम इको साउंडर, साइड स्कैन सोनार, ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल (एयूवी) और रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरओवी) है.</p>
<p style="text-align: justify;">इस तकनीक की मदद से सटीक मानचित्रण, खतरनाक और सीमित क्षेत्रों में सर्वेक्षण की क्षमता बढ़ जाएगी. इसके अलावा लबे की पहचान व पर्यावरणीय अध्ययन के लिए त्वरित, सुरक्षित डेटा संग्रहण भी हो पाएगा.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बढ़ जाएगी लंबी दूरी की परिचालन की क्षमता</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इसका काम सर्वे का है. इससे नौवहन और समुद्री परिचालन में भी मदद मिलेगी. इससे भारत की पहुंच समुद्र में और ज्यादा बढ़ जाएगी. इससे जहाजों को हिंद महासागर के दूरदराज क्षेत्रों और मालदीव-सेशेल्स के आसपास के जल क्षेत्रों में काम करने में मदद मिलेगी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>निर्माण में हुआ है 80 प्रतिशत स्वदेशी पुर्जे का इस्तेमाल&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">निर्देशक’ की अधिकतम स्पीड 18 नॉट्स से ज्यादा है. ये 25 दिनों तक समुद्र में रह सकता है. इसके अलावा ये समुद्र के नीचे सर्वे कर नेविगेशन चार्ट बना सकता है.भारत के बनाए गए हाइड्रोग्राफी चार्ट के जरिए ही दुनिया के तमाम देशों के युद्धपोत और मालवाहक जहाज हिंद महासागर क्षेत्र से गुजरते हैं. 110 मीटर लंबे और 16 मीटर चौड़े इस जहाज का वजन 3,400 टन है. इसमें 80 प्रतिशत स्वदेशी पुर्जे लगे हैं.&nbsp;</p>



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