सावधान! फर्जी ट्रेडिंग ऐप से लाखों की ठगी, इस तरह से बनाया गया भोले-भाले लोगों को शिकार

सावधान! फर्जी ट्रेडिंग ऐप से लाखों की ठगी, इस तरह से बनाया गया भोले-भाले लोगों को शिकार


Trading App Fraud: महाराष्ट्र में फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए लोगों से धोखाधड़ी करने का एक मामला सामने आया है. पुलिस ने इस सिलसिले में 29 साल के जितेंद्र शर्मा को पालघर के वनगांव से पकड़ लिया है. उस पर फर्जी ट्रेडिंग ऐप का इस्तेमाल करके कई लोगों से 48 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी करने का आरोप है. वह अधिक मुनाफे का वादा कर एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप में लोगों को पैसे लगाने के लिए कहता था. उसके खिलाफ मिल रही शिकायतों के बाद दिल्ली पुलिस काफी दिनों से उसकी तलाश में थी और आखिरकार उसे धर दबोचा गया. 

जितेंद्र के खिलाफ 46 शिकायतें दर्ज 

पुलिस के मुताबिक,  जितेंद्र खुद को एक प्राइवेट कंपनी का मैनेजर बताकर लोगों को अपने झांसे में लेता था. वह उसी कंपनी के बैंक अकाउंट में पीड़ितों से पैसे इकट्ठा करता था. इसके एवज में उसे कमीशन मिलते थे. नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर उसके अकाउंट के खिलाफ 46 शिकायतें दर्ज हैं.

विनय सिंघल नाम के एक व्यक्ति ने 17 मार्च को शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच शुरू हुई. बाद में पुलिस को तीन और ऐसी ही शिकायतें मिलीं. सभी पीड़ितों को एक नकली ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया, जो बिल्कुल असली जैसा दिखता था. उन्हें इंवेस्टमेंट पर हाई रिटर्न का वादा किया गया. सारे पैसे जितेंद्र के बताए गए बैंक अकाउंट में जमा करा दिए गए. 

पहले भी हो चुका है गिरफ्तार

चोरी से जुटाई गई रकम को इधर-उधर करने के लिए जितेंद्र फर्जी कंपनियों और पुराने या इस्तेमाल न किए जाने वाले बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करता था. इसलिए चुराए गए पैसों का पता लगाने में पुलिस के लिए मुश्किल हो रही थी. वह इससे पहले फरीदाबाद में इसी तरह के अपराध के लिए गिरफ्तार हो चुका था और जमानत पर बाहर था. 

16 मई को पकड़ा गया जितेंद्र

16 मई को पुलिस ने उसके ठिकाने पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसके पास से चार मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक स्मार्टवॉच, 80,000 रुपये नकद, डेबिट कार्ड, लेन-देन रिकॉर्ड वाली पेन ड्राइव, कंपनी की मुहर, चेक बुक और बैंक पासबुक बरामद की.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी पुलिस कमीश्नर निधिन वलसन ने बताया कि डिजिटल फुटप्रिंट और केवाईसी दस्तावेजों की जांच करके जितेंद्र को पकड़ने में कामयाबी मिली. पुलिस अब घोटाले में शामिल अन्य लोगों की तलाश कर रही है और पैसे बरामद करने की कोशिश में जुटी हुई है. 

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