सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद उपचुनाव के नतीजे पर लगाई रोक, नीतीश की मिमिक्री से जुड़ा केस

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद उपचुनाव के नतीजे पर लगाई रोक, नीतीश की मिमिक्री से जुड़ा केस


Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद उपचुनाव के नतीजे पर रोक लगा दी है. इस मामले में गुरुवार (16 जनवरी, 2025) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी. तब तक के लिए रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है. 

साल 2024 में विधान परिषद की मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के आरोप में बिहार विधान परिषद की आचार समिति ने लालू के करीबी और आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह की सदस्यता रद्द कर दी थी, जिसके बाद सुनील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

निर्विरोध जीत सकते हैं चुनाव

बिहार विधान परिषद की खाली हुई एक सीट के लिए जेडीयू की तरफ से ललन प्रसाद ने कुछ दिन पहले ही नामांकन किया है. उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है, लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने विधान परिषद उपचुनाव के रिजल्ट पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने क्या कहा?

सुनील सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की बेंच को सूचित किया कि उस सीट के लिए उपचुनाव के रिजल्ट 16 जनवरी को घोषित किए जाने की संभावना है. उन्होंने बताया कि चुनाव निर्विरोध हुआ था. बेंच का कहना है कि वो मामले में दलीलें पहले से ही सुन रहे हैं इसलिए उपचुनाव के लिए परिणाम घोषित नहीं किया जाना चाहिए. 

क्या बोले अभिषेक मनु सिंघवी

वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अदालत अगस्त 2024 के निष्कासन के खिलाफ सुनील सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. उनका कहना है कि अगर अदालत की ओर से गुरुवार (16 जनवरी, 2025) को याचिका को मंजूरी मिल जाती है तो अलग स्थितियां उत्पन्न हो जाएगी, जहां पर एक ही सीट पर दो प्रतिनिधि होंगे. बेंच का कहना है कि वह गुरुवार को राज्य विधान परिषद और आचार समिति व अन्य के जवाब सुनेगी, जिसके बाद इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखेगी. 

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