Gold Price: सोने की कीमतें अब अपने शिखर पर पहुंच चुकी हैं और अगले दो महीनों में इसमें 12 से 15 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. ये अनुमान किसी और ने नहीं बल्कि Quant Mutual Fund ने जताया है. हालांकि, फंड का कहना है कि मध्यम और लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए सोना अब भी अहम रहेगा.
गोल्ड में गिरावट की आहट
अभी के हालात देखें तो मंगलवार को रिटेल मार्केट में सोने की कीमत 96,960 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. GST जोड़ने पर ये 99,868 तक पहुंच गई. लेकिन अगर विश्लेषकों की मानें, तो आने वाले हफ्तों में ये कीमतें काफी नीचे जा सकती हैं.
मॉर्निंगस्टार का बड़ा दावा
अमेरिका स्थित वित्तीय विश्लेषक समूह Morningstar ने तो और भी बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि आने वाले कुछ सालों में सोने की कीमतों में 38 फीसदी तक की गिरावट संभव है.
कीमतें बढ़ीं, तो गहनों की बिक्री घटी
सोने की बढ़ती कीमतों से ज्वैलर्स की बिक्री पर बड़ा असर पड़ा है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, बीते 15 दिनों में भारत में सोने के आभूषणों की बिक्री में 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह 5 फीसदी तक कीमतों का उछाल है.
अक्षय तृतीया के बाद घटा उत्साह
IBJA के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए कहते हैं कि मई के पहले सप्ताह, यानी अक्षय तृतीया के दौरान थोड़ी डिमांड दिखी थी, क्योंकि उस वक्त सोना 92,365 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गया था. लेकिन उसके बाद कीमतें फिर से चढ़ने लगीं और इसके चलते खरीदार पीछे हटने लगे.
तो क्यों बढ़ा था सोना?
हाल की तेजी की वजह थी, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई को लेकर डर और भू-राजनीतिक तनाव. अमेरिका-चीन के बीच व्यापार विवादों ने भी निवेशकों को सोने की ओर मोड़ा. लेकिन अब वही फैक्टर कीमतों को नीचे धकेलने का काम कर सकते हैं.
दरअसल, अमेरिका और चीन के बीच फिर से तनाव गहराता दिख रहा है. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर समझौते की शर्तें तोड़ने का आरोप लगाया है. इस हफ्ते ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन कॉल की संभावना जताई जा रही है. बाजार इस पर बारीकी से नजर रखे हुए है.
यूरोप भी नाराज
दूसरी ओर, यूरोपीय संघ अमेरिका पर शुल्क कम करने का दबाव बना रहा है. लेकिन अमेरिका स्टील और एल्यूमिनियम पर 50 फीसदी टैक्स लगाने की योजना पर आगे बढ़ रहा है. यही नहीं, अमेरिका अन्य देशों से व्यापार प्रस्तावों पर जल्दबाज़ी में जवाब मांग रहा है ताकि बातचीत तेज़ की जा सके.
क्या करें निवेशक?
Quant Mutual Fund का सुझाव है कि आपके पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी बनी रहनी चाहिए, लेकिन अगले कुछ महीनों के लिए सतर्क रहना बेहतर होगा. जिन लोगों ने ऊंची कीमतों पर खरीदी की है, वे गिरावट के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें.
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