कारगिल विजय दिवस के अवसर पर द्रास में बोलते हुए इंडियन आर्मी के चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि हमने कायरता का उत्तर पराक्रम से दिया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प है, संदेश भी और उत्तर भी. आर्मी चीफ ने कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला पूरे देश के लिए एक गहरी चोट था, लेकिन इस बार भारत ने सिर्फ शोक नहीं जताया, बल्कि ठान लिया कि अब जवाब निर्णायक होगा.
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा, ‘भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में 9 हाई वेल्यूड आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, बिना किसी मासूम नागरिक को नुकसान पहुंचाए. यह केवल जवाब नहीं था, यह स्पष्ट संदेश था कि आतंकवाद को सहारा देने वाले अब नहीं बचेंगे.’ पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि 7 से 9 मई को पाकिस्तान की तरफ से की गई सैन्य कार्रवाइयों का भारतीय सेना ने नपा-तुला और सटीक जवाब दिया.
एयर डिफेंस एक अजेय दीवार बनकर सामने खड़ी रही: आर्मी चीफ
उन्होंने कहा कि हमारी आर्मी एयर डिफेंस एक अजेय दीवार बनकर सामने खड़ी रही, जिसे कोई ड्रोन या मिसाइल भेद नहीं सका. यह सब Whole-of-Nation Approach के अंतर्गत हुआ, जहां सेना, वायुसेना, नौसेना और अन्य सरकारी विभाग मिलकर एक साथ खड़े रहे. जो भी शक्तियां भारत की संप्रभुता, अखंडता या जनता को क्षति पहुंचाने की योजना बना रही हैं. उन्हें करारा जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा.
स्पेशल फोर्स यूनिट का गठन
इसी क्रम में, ‘भैरव’ Light Commando Battalions के रूप में agile और घातक special forces units का गठन किया गया है. जो सीमाओं पर शत्रु को चौंकाने के लिए तैयार हैं. हर Infantry बटालियन में Drone Platoons, वहीं, artillery में ‘दिव्यास्त्र batteries’ के माध्यम से और Loiter Munition Batteries से मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया गया है. Army Air Defence को स्वदेशी मिसाइल systems से equip किया जा रहा है.
100वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ तक विकसित भारत बनाने का सपना
हम पूरी तरह से तैयार हैं कि भारत की 100वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ तक ‘विकसित भारत’ का सपना साकार करें और इस राष्ट्र निर्माण में हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हमारा विशाल सेना परिवार जो लगभग 1.3 करोड़ लोगों का समुदाय है, जिसमें सेवारत सैनिक, उनके परिवार, वेटरन्स, और वीरगति को प्राप्त सैनिकों के परिजन शामिल हैं. लद्दाख इसका उदाहरण है, जहां हजारों सैनिक तैनात हैं, अनेक वेटरन्स यहां रहते हैं. सेना केवल रक्षा नहीं कर रही, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है.
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