‘हम 10-15 मिनट ही सुनेंगे और फिर…’, फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज मामले पर बोला सुप्रीम कोर्ट

‘हम 10-15 मिनट ही सुनेंगे और फिर…’, फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज मामले पर बोला सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स – कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ की रिलीज पर पर रोक लगाने के मामले को दिल्ली हाईकोर्ट वापस भेजने की संभावना जताई है. गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को मामले पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने कहा कि वह शुक्रवार को 10-15 मिनट सुनवाई करेगा और फिर इसे वापस हाईकोर्ट को भेज जा सकता है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बागची ने कहा कि वह 10 से 15 मिनट मामले पर सुनवाई करेंगे और आवश्यक आदेश जारी करेंगे और मामला दिल्ली हाईकोर्ट को वापस भेजा जा सकता है. बेंच ने कहा कि कन्हैया लाल हत्याकांड मामले में आरोपी मोहम्मद जावेद की याचिका भी हाईकोर्ट को भेजी जा सकती है. मोहम्मद जावेद ने सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.

सुनवाई के दौरान केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को लेकर याचिकाकर्ता जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा कि जिस समिति ने फिल्म की रिलीज को अनुमति दी है, उसके कई सदस्य एक ही सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के सदस्य थे. बेंच ने उनकी इस दलील पर कहा कि ऐसा सभी सरकारों में होता है और उनकी नियुक्तियों को चुनौती नहीं दी जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार के लिए टाल दी और संभावना जताई कि मामला दिल्ली हाईकोर्ट वापस भेजा जा सकता है.

केंद्र ने फिल्म को लेकर एक समिति गठित की थी, जिसने फिल्म को छह कट के साथ रिलीज की अनुमति दी है. सुप्रीम कोर्ट को 21 जुलाई को सूचित किया गया था कि केंद्र की समिति ने उसके पुनरीक्षण क्षेत्राधिकार में आदेश पारित किया था और तुषार मेहता ने दलील दी थी कि सक्षम प्राधिकारी की ओर से सुझाई गई बातों के अलावा कोई भी आगे की कार्रवाई अनुच्छेद 19 का उल्लंघन होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई को फिल्म निर्माताओं से कहा था कि वह फिल्म के खिलाफ आपत्तियों पर सुनवाई के लिए समिति के फैसले का इंतजार करें. सुप्रीम कोर्ट ने प्रोड्यूर्स से कहा कि फिल्म रिलीज होने के कारण कन्हैया लाल दर्जी हत्याकांड के आरोपियों की छवि को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती, लेकिन फिल्म निर्माताओं को आर्थिक रूप से लाभ जरूर हो सकता है.

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अरशद मदनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 जुलाई को फिल्म की अगले दिन होने वाली रिलीज पर तब तक के लिए रोक लगा दी था, जब तक केंद्र सरकार इस पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं ले लेती.

फिल्म निर्माताओं ने दावा किया कि उन्हें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से प्रमाणपत्र मिला है, जिसमें बोर्ड ने 55 दृश्य काटने का सुझाव दिया है. फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी. उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में बेरहमी से की गई हत्या पर आधारित है. इस मामले में मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस आरोपी हैं.

दोनों ने घटना के बाद एक वीडियो जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के समर्थन में कन्हैया लाल शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था, जिसके जवाब में उन्होंने टेलर की हत्या कर दी.

इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने की थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा कठोर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह मुकदमा जयपुर की विशेष एनआईए अदालत में लंबित है.



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