हवा से लेकर स्पेस तक में दुश्मन को बनाएगा टारगेट… कितना खतरनाक है चीन का एयर डिफेंस सिस्टम HQ

हवा से लेकर स्पेस तक में दुश्मन को बनाएगा टारगेट… कितना खतरनाक है चीन का एयर डिफेंस सिस्टम HQ


बीजिंग में विक्ट्री डे परेड में चीन ने दुनिया को अपनी ताकत का ऐसा नजारा दिखाया, जिसने ट्रंप से लेकर यूरोप के कई नेताओं की नींद उड़ा दी. इस परेड में पहली बार चीन ने HQ-29 एंटी-मिसाइल सिस्टम को दुनिया के सामने रखा, जिसे चीन का ‘सैटेलाइट किलर’ कहा जा रहा है. HQ-29 की खासियत यह है कि ये सिर्फ हवा में ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष तक जाकर दुश्मन के टारगेट को ध्वस्त कर सकता है. 

चीन ने सैन्य परेड में 6 प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम HQ-11, HQ-20, HQ-22A, HQ-9C, HQ-19 और HQ-29 को दुनिया के सामने पेश किया. इससे साफ पता चलता है कि चीन अब केवल क्षेत्रीय रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन को चुनौती देने की स्थिति में पहुंच चुका है.

HQ-11, HQ-20 और HQ-22A मिसाइल सिस्टम की  खासियत

चीन की HQ-11, HQ-20 और HQ-22A मिसाइल सिस्टम की खासियत की बात करें तो HQ-11 मुख्य रूप से टर्मिनल डिफेंस के लिए है, जो कम दूरी पर आने वाली क्रूज मिसाइलों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को नष्ट कर सकता है. HQ-20 और HQ-22A मध्यम दूरी की एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम हैं, जिन्हें पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया. ये ज्यादा ऊंचाई में उड़ने वाले ड्रोन और आधुनिक लड़ाकू विमानों को रोकने की क्षमता रखते हैं. ये सिस्टम सामरिक रूप से अग्रिम पंक्ति में काम करती हैं और HQ-19 व HQ-29 जैसी लंबी दूरी वाली सिस्टम के लिए बैकअप का काम करती हैं.

HQ-9C और HQ-19 मल्टी-लेयर बैलिस्टिक डिफेंस

HQ-9C एक मल्टी-लेयर बैलिस्टिक डिफेंस है सिस्टम है, जो वायुमंडल के भीतर हवाई खतरों के साथ-साथ कुछ बैलिस्टिक मिसाइलों को भी रोक सकती है. HQ-19 को अमेरिका के THAAD के बराबर माना जाता है, ये टर्मिनल हाई-एंडोस्पीयरिक इंटरसेप्शन करती है. यह हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) जैसे अत्याधुनिक हथियारों को भी रोकने की क्षमता रखती है. इस धांसू कॉम्बिनेशन से चीन की strategic assets को सुरक्षा मिलती है और दुश्मन की हाइपरसोनिक क्षमताओं को चुनौती दी जाती है.

HQ-29 एडवांस एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम

HQ-29 चीन का सबसे एडवांस एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम है. इसकी विशेषताएं इसे अंतरिक्ष युद्ध के नए युग में गेम-चेंजर बनाती हैं. ये सिस्टम स्पेस में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके ट्रैजेक्टरी के मिडिल स्टेज में मार गिरा सकता है.  हर एक HQ-29 इंटरसेप्टर 7.5 मीटर लंबा और 1.5 मीटर व्यास का है. इसकी तुलना में HQ-19 छोटा है. यह सिर्फ़ मिसाइलों को ही नहीं, बल्कि लो-अर्थ-ऑर्बिट (LEO) उपग्रहों को भी नष्ट कर सकता है. यही कारण है कि इसे Satellite Hunter System कहा जाता है. HQ-29 अमेरिकी SM-3 और रूसी S-500 प्रणालियों के बराबर है, और इसकी क्षमता रूसी PL-19 Nudol जैसी ASAT प्रणाली से मेल खाती है. यह दोहरी क्षमता ABM (Anti-Ballistic Missile) और ASAT (Anti-Satellite) इसे अमेरिका की स्पेस-आधारित संरचना के लिए सीधा खतरा बनाती है.

HQ-29 और अंतरिक्ष शक्ति संतुलन

HQ-29 की वजह से अब चीन सिर्फ जमीनी और हवाई सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरिक्ष में भी अपनी रणनीतिक पकड़ बना रहा है. इसे अमेरिकी Starlink, GPS, और Satcom नेटवर्क के लिए खतरा माना गया है. दक्षिण चीन सागर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अमेरिकी सेना की कमांड-एंड-कंट्रोल क्षमताओं को खत्म करने की क्षमता रखता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरिक्ष के सैन्यीकरण (Militarization of Space) को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. यह सिस्टम न सिर्फ़ चीन की रक्षा क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि अमेरिका और रूस जैसे देशों के साथ स्पेस आर्म्स रेस को भी तेज करता है.

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