Hypersonic Glide Vehicle: भारत अब अपने रक्षा क्षेत्र में एक ऐसा घातक हथियार विकसित कर रहा है, जो आने वाले समय में दुश्मनों के लिए काल बन जाएगा. देश का डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) एक हाई-स्पीड और अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम पर काम कर रहा है जिसका नाम है हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV). इसकी रफ्तार इतनी ज्यादा है कि यह आवाज की गति से 21 गुना तेज यानी करीब 25,900 किमी प्रति घंटा की स्पीड से उड़ सकता है.
गेम-चेंजर टेक्नोलॉजी की तैयारी
हाल ही में केरल स्पेसपार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में DRDO के इस प्रोजेक्ट से जुड़ी अहम जानकारी साझा की गई. बताया गया कि HGV को हैदराबाद स्थित एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी में तैयार किया जा रहा है. DRDO इसे भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और देश की निजी डिफेंस कंपनियों के सहयोग से बना रहा है.
इसकी ताकत क्या है?
इस मिसाइल की सबसे बड़ी खूबी है इसकी अद्वितीय रेंज और स्पीड. यह 5,500 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक मार कर सकती है और पारंपरिक (conventional) व परमाणु (nuclear) दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है.
HGV को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह अत्यधिक गर्मी को भी सह सके. इसके लिए इसमें हल्के कंपोजिट मैटेरियल और एडवांस थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया गया है, जो इसकी तेज गति के दौरान उत्पन्न तापमान को झेल सकता है.
दुश्मन के डिफेंस सिस्टम होंगे फेल
जहां सामान्य बैलिस्टिक मिसाइलें एक तय मार्ग पर चलती हैं, वहीं HGV एक बूस्टर रॉकेट के ज़रिये लॉन्च होने के बाद वातावरण की निचली परत में ग्लाइड करता है. यही तकनीक इसे दुश्मन के रडार और एडवांस डिफेंस सिस्टम से बचा लेती है. यह चीन के HQ-19 या अमेरिका के THAAD जैसे सिस्टम को भी चकमा देने की क्षमता रखता है. इसकी अत्यधिक रफ्तार और लंबी रेंज के कारण दुश्मन को जवाब देने का मौका तक नहीं मिलेगा.
कई प्लेटफॉर्म से किया जाएगा लॉन्च
HGV को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स से दागा जा सकता है जैसे जमीन आधारित मोबाइल लॉन्चर, एयर लॉन्च सिस्टम, और भविष्य में इसे भारतीय नौसेना की प्रोजेक्ट 75I पनडुब्बियों या S5-क्लास SSBNs से भी तैनात किया जा सकेगा.
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