‘हिंदुओं को धमकाया, बंदूक की नोक पर इस्लामिक नारे लगाने के लिए किया मजबूर’, मुर्शिदाबाद हिंसा प

‘हिंदुओं को धमकाया, बंदूक की नोक पर इस्लामिक नारे लगाने के लिए किया मजबूर’, मुर्शिदाबाद हिंसा प


Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून को लेकर हुए प्रदर्शन और फिर हिंसा के बाद राजनीति गरमाई हुई है. बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को बंदूक की नोक पर धमकाया गया और उन्हें इस्लामी धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में हिंसा के दौरान हिंदुओं के साथ जो हुआ, वह बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले हिंदुओं का भविष्य है.

‘यह समस्या मुर्शिदाबाद तक ही सीमित नहीं’

केंद्रीय मंत्री मजूमदार ने सोमवार (21 अप्रैल 2025) को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए जाफराबाद और बेतबोना में पीड़ितों से मुलाकात की. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, “जो सोच रहे हैं कि यह समस्या मुर्शिदाबाद तक ही सीमित है वो ये जाने लें यह राज्य के अन्य हिस्सों में रहने वाले अन्य हिंदुओं का भविष्य होगा. कोलकाता के तथाकथित बुद्धिजीवी कहां हैं?”

अमित मालवीय ने पोस्ट किया वीडियो

बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक्स पर एक पीड़िता का वीडियो शेयर किया. पीड़िता का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, “ये अपनी बेटी की शादी के लिए 7 लाख रुपये और इलाज के लिए 4 लाख रुपये बचाई थीं. पति को बंधक बनाकर घर में मौजूद सारा पैसा और सोने के गहने लूट लिए गए. उपद्रवियों ने महिला से पूछा कि आपको पति चाहिए या अपना पैसा. फिर उनके घरे में आग लगा दी गई. यह मुर्शिदाबाद की असली तस्वीर है.”

मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में 11 अप्रैल को भड़की हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के कारण हजारों निवासियों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया.

मुर्शिदाबाद हिंसा की NIA जांच हो- सुवेंदु अधिकारी 

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “कोर्ट ने 15 मई तक केंद्रीय बलों की तैनाती की है, इसलिए कुछ अस्थायी राहत है. अभी तक NIA जांच नहीं हुई है, NIA जांच होनी चाहिए. हम राहत कार्य कर रहे हैं, हम सभी पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. मेरी मांग है कि चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए.”

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