Jharkhand Inter Religion Married Couple: केरल हाईकोर्ट ने झारखंड के अंतरधार्मिक दंपति को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है, जिन्हें उनके परिवारों से धमकियां मिलने के बाद राज्य में शरण लेनी पड़ी थी.
केरल HC ने कायमकुलम पुलिस स्टेशन के एसएचओ को निर्देश दिया कि वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें और उनकी याचिका लंबित रहने तक उन्हें झारखंड वापस भेजने से रोकें.
झारखंड से केरल तक का सफर
झारखंड के रामगढ़ जिले के इस जोड़े 26 वर्षीय आशा वर्मा और 30 वर्षीय मोहम्मद गालिब ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उनके बीच 10 साल से प्रेम संबंध हैं. परिवार से खतरा महसूस करने के बाद वे 9 फरवरी को केरल के अलपुझा जिले पहुंचे. उन्होंने कायमकुलम में हिंदू और इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह किया.
झारखंड पुलिस की कार्रवाई और हाईकोर्ट का फैसला
झारखंड पुलिस ने लड़के के खिलाफ महिला के अपहरण का मामला दर्ज किया और कायमकुलम पहुंचकर जांच की. महिला ने पुलिस को स्पष्ट रूप से बताया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की और वह अपने पति के साथ रहना चाहती है. इसके बावजूद, परिवार से मिल रही धमकियों के चलते दंपति ने हाईकोर्ट का रुख किया और सुरक्षा की मांग की. कोर्ट ने केरल पुलिस को गुरुवार (28 फरवरी,2025) को निर्देश दिया कि याचिका लंबित रहने तक इस जोड़े को किसी अन्य स्थान पर न भेजा जाए.
दंपति के केरल आने की वजह
इस मामले में दंपति की मदद कर रही एडवोकेट गया एस. लता ने बताया कि पुरुष यूएई में इंजीनियर के रूप में कार्यरत है और वहां उसके कई केरल के दोस्त हैं. उसे पता था कि केरल में अंतरधार्मिक विवाहों को लेकर सांप्रदायिक तनाव कम होता है. इसीलिए, झारखंड में मिली धमकियों के बाद उन्होंने केरल आने का फैसला किया. उनका दस साल पुराना रिश्ता विवाद का कारण बन गया था और “लव जिहाद” के आरोपों में बदल गया था. पुरुष छुट्टी खत्म होने के बाद यूएई लौट जाएगा, जबकि महिला फिलहाल कायमकुलम में ही रहेगी. अदालत के निर्देशानुसार, केरल पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा देगी.