12वीं क्लास में अब नहीं बदले जाएंगे सब्जेक्ट, केवल इस दिन तक सुधार की सुविधा

12वीं क्लास में अब नहीं बदले जाएंगे सब्जेक्ट, केवल इस दिन तक सुधार की सुविधा


मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPSHSE) ने कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एक जरूरी घोषणा की है. अब से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अपनी इच्छानुसार विषय नहीं बदल सकेंगे. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि जिन विषयों को छात्रों ने 11वीं कक्षा में चुना था, उन्हीं विषयों को उन्हें 12वीं कक्षा में भी पढ़ना होगा.

इसके अलावा बोर्ड ने कहा है कि यदि परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान किसी विषय में गलती से बदलाव किया गया है, तो इसे सुधारने की अनुमति दी जाएगी. लेकिन यह सुधार 31 दिसंबर 2024 तक स्कूल स्तर पर ही किया जा सकेगा. इसके लिए एक निर्धारित शुल्क भी लिया जाएगा.

सुधार के लिए शुल्क और प्रक्रिया

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बताया कि छात्रों को विषय में त्रुटि सुधार करने के लिए 500 रुपये प्रति विषय का शुल्क देना होगा. त्रुटि सुधार ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा. इस सुधार प्रक्रिया के तहत स्कूलों को छात्र की 11वीं कक्षा की अंकसूची और एक घोषणा पत्र एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिन विषयों में त्रुटि सुधार किया गया है, वे वही विषय हैं, जिनका अध्ययन छात्र ने 11वीं कक्षा में किया था और जिनकी अंकसूची स्कूल ने जारी की है.

स्कूलों पर सख्त कार्रवाई

बोर्ड ने चेतावनी दी है कि यदि किसी स्कूल द्वारा तथ्यों को छिपाते हुए या गलत तरीके से विषयों में बदलाव किया गया, तो संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. सरकारी स्कूलों के मामले में लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त को पत्र लिखा जाएगा, जबकि निजी स्कूलों की संबद्धता तत्काल प्रभाव से रद्द की जा सकती है.

विषय परिवर्तन पर रोक

गौरतलब है कि पहले मध्य प्रदेश बोर्ड में कक्षा 12वीं में विषय बदलने की सुविधा दी जाती थी, लेकिन अब इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. तीन साल पहले तक बोर्ड द्वारा यह सुविधा दी जाती थी, लेकिन पिछले साल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही इसे लागू किया गया था. अब मंडल ने इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया है, और छात्रों को केवल त्रुटि सुधार की अनुमति दी गई है.

छात्रों की शिकायतें

इस नए नियम के तहत कई छात्रों ने स्कूलों और मंडल से विषय परिवर्तन की अनुमति देने की अपील की थी, लेकिन बोर्ड ने इसे केवल त्रुटि सुधार तक सीमित रखा है. हालांकि, इसे लेकर छात्रों और स्कूल प्राचार्यों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें अधिक लचीलापन और विषय परिवर्तन का अवसर देने की मांग की जा रही थी.

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