आज पूरी दुनिया में हर दिन नए-नए तकनीक लोगों का काम आसान बना रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने तो लोगों के काम को बेहद आसान बना दिया है. हर कोई आज AI का इस्तेमाल कर रहा है. इसका इस्तेमाल मेडिकल क्षेत्र में भी होने लगा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिला जब हाल ही में एक चार साल के बच्चे की बीमारी का पता लगाने में AI सफल हुआ. दरअसल 4 साल के एक बच्चे को कोई रहस्यमयी बीमारी हो गई थी.लगभग 17 डॉक्टर कोशिश करते रहे लेकिन बीमारी का पता नहीं चला, फिर AI की मदद ली गई और नतीजा चौंकाने वाला रहा.
दरअसल अमेरिका में एक चार साल का बच्चा, जिसका नाम एलेक्स था, वो गंभीर बीमारी के पीड़ित था. उसकी हालत हर बढ़ते दिन के साथ खराब हो रही थी. सबसे बड़ी समस्या यह थी कि डॉक्टरों को उसकी बीमारी का ठीक अंदाजा नहीं लग रहा था. ऐसे में उसके माता-पिता ने तकनीक का सहारा लिया और ChatGPT को बच्चे के शरीर में आ रहे लक्षणों के बारे में बताया. वे तब हैरान हो गए जब ChatGPT ने उन्हें बच्चे को हो रही बीमारी के बारे में सटीक जानकारी दी और उसे तत्काल किस तरह के इलाज की जरूरत है, इसके बारे में भी बताया.
बच्चे के पिता ने बताया- कोरोना काल में बीमार पड़ा था बेटा
उस बच्चे के पिता कोर्टनी ने बताया कि एलेक्स को कोरोना महामारी के वक्त से ही कुछ कुछ समस्याएं होने लगी थीृ, जैसे उसके दांतों में तेज दर्द होता. इसके अलावा उसे खुद को बैलेंस करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा था.
इसके बाद उसके पिता ने एमआरआई के नोट्स और उसके सभी लक्षणों को ChatGPT में अपलोड किया. कुछ ही सेकंड में एआई टूल ने एक संभावित बीमारी का पता लगाया, जिसे ‘टेदर्ड कॉर्ड सिंड्रोम’ नाम दिया. यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है.
इसके बाद एलेक्स के पिता ने डॉक्टर से फिर संपर्क किया और एलेक्स की रीढ़ की हड्डी का इलाज किया गया. डॉक्टरों ने पाया कि वो पूरी तरह ठीक हो गया है. एलेक्स के पिता ने यह कहानी सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की है.
ChatGPT जैसे एआई टूल्स का इस्तामल बिना डॉक्टर के सलाह के खतरनाक
यह भी सच है कि मेडिकल के क्षेत्र में एआई के व्यापक इस्तेमाल को भी स्वीकार किया जा रहा है लेकिन, विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दी है कि ChatGPT जैसे एआई टूल्स का इस्तामल बिना डॉक्टर के सलाह के खतरनाक हो सकता है. ऐसा कभी नहीं करना चाहिए.