Sukhbir Singh Badal Attack: शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर बुधवार (4 दिसंबर 2024) को हमला हुआ. 2007 से 2017 तक की गई गलतियों के लिए स्वर्ण मंदिर में सेवादार के रूप में बादल की सजा का यह दूसरा दिन था, तभी वहां गोलियां चलने लगी, जिससे हड़कंप मच गया. आरोपी धीरे-धीरे सुखबीर सिंह बादल की ओर बढ़ा और अपनी जेब से हथियार निकाला. वह अपने मनसूबे में कामयाब होने ही वाला था कि सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया.
सादी वर्दी में बादल के बगल में खड़े थे जसबीर
सुखबीर सिंह बादल और हमलावर के बीच दीवार बनकर खड़ा होने वाले अफसर का नाम जसबीर सिंह है, जिसकी हिम्मत और सूझबूझ की वजह से सुखबीर सिंह बादल की जान बच गई. यह घटना स्वर्ण मंदिर के मेन गेट पर हुई. सेवादार के लिबास में पंजाब पुलिस के सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) जसवीर सिंह घटना के समय सुखबीर सिंह बादल के बगल में खड़े थे. वह पुलिस की वर्दी में नहीं थे, ताकि लोगों को लगे वह सेवादार हैं, लेकिन जसवीर सिंह अपनी ड्यूटी कर रहे थे.
जेड-प्लस सुरक्षा दस्ते में थे तैनात
जसवीर सिंह अपना बाल-दाढ़ी बढ़ा कर रखते हैं. धार्मिक प्रोटोकॉल के कारण किसी भी पुलिस के जवान को वर्दी में गोल्डन टेंपल जाने की अनुमति नहीं है. यही कारण है कि वह सुखबीर सिंह बादल के जेड-प्लस सुरक्षा दस्ते में बिना वर्दी के तैनात थे. जिस समय फायरिंग हुई उस समय जसवीर सिंह सफेद कर्ता-पायजामा और नारंगी रंग की पगड़ी पहने सुखबीर सिंह बादल के दाईं ओर खड़े थे. उस समय वह बिल्कुल स्वर्ण मंदिर का प्रबंधन करने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के स्वयंसेवकों जैसा लग रहे थे.
एसआई जसवीर सिंह कौन हैं?
जसबीर सिंह पंजाब पुलिस में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर हैं और अमृतसर सिटी पुलिस का हिस्सा हैं. उनकी तैनाती सुखबीर सिंह बादल के निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में है. वह लगभग 20 सालों से सुखबीर सिंह बादल के परिवार के साथ जुड़े हुए हैं. इससे पहले उनकी तैनाती र्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सुरक्षा में भी थी.
नारायण सिंह चौड़ा नाम के हमलावर ने सुखबीर सिंह बा्दल के करीब आकर बंदूक निकाली. वहीं बगल में खड़े जांबाज पुलिस अफसर सुखबीर सिंह ने खतरे का भांपते हुए हमलावर पर कूद पड़े. उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर बाकी सुरक्षाकर्मियों की मदद से हमलावर पर काबू पा लिया.