25 साल दिया, बीमारी में काम किया…Microsoft से गई नौकरी तो पत्नी ने बयां किया दर्द

25 साल दिया, बीमारी में काम किया…Microsoft से गई नौकरी तो पत्नी ने बयां किया दर्द


अगर आप किसी कंपनी में 25 साल से नौकरी कर रहे हैं और अचानक से एक दिन आपको कंपनी से बाहर निकाल दिया जाए तो आपको कैसा महसूस होगा. ऐसी ही एक घटना इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. सबसे बड़ी बात कि इस बार नौकरी से निकाले जाने का दर्द खुद कर्मचारी ने नहीं, बल्कि उनकी पत्नी ने बयां किया है.

क्या है पूरा मामला?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर एक महिला ने पोस्ट करते हुए लिखा, “मेरे पति ने Microsoft में 25 साल तक काम किया. कभी छुट्टी नहीं ली, बीमार होने पर भी घर से काम किया. उन्होंने रात-दिन एक करके अपने साथियों की मदद की, त्योहारों पर ऑन-कॉल शिफ्ट ली, कभी प्रमोशन नहीं मांगा… लेकिन अब एक कंप्यूटर एल्गोरिदम ने उन्हें निकाल दिया.”

महिला के अनुसार, उनके पति ऑटिज़्म से जूझ रहे हैं और उन्हें मल्टीपल स्क्लेरोसिस भी है. इसके बावजूद उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटे. लेकिन उनकी सेवा का अंत अचानक एक एल्गोरिदम की “रैंडम सिलेक्शन” से हुआ और वो भी उनके 48वें जन्मदिन से ठीक पहले.

Microsoft की बड़ी छंटनी

दरअसल, 13 मई 2025 को Microsoft ने लगभग 6,000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी. कंपनी के अनुसार, यह फैसला अपने AI निवेश को बढ़ाने और ‘अनावश्यक मैनेजमेंट लेयर’ को हटाने के लिए लिया गया. यह Microsoft के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी छंटनी थी. अकेले अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य में ही 2,000 से अधिक लोगों की नौकरियां चली गईं. कंपनी का कहना है कि वो चाहती है कि कर्मचारी रूटीन काम से हटकर ज्यादा वैल्यु-एडेड कार्यों पर ध्यान दें.

AI की डायरेक्टर भी बाहर

Microsoft की AI डायरेक्टर, Gabriela de Queiroz, को भी इस छंटनी में बाहर का रास्ता दिखाया गया. उन्होंने X पर लिखा कि वो इस खबर से दिल टूटने जैसी स्थिति में हैं, लेकिन उन्होंने जाते-जाते भी मीटिंग्स अटेंड कीं और सबको अलविदा कहा. उनका कहना था कि भले ही उनकी नौकरी गई, लेकिन उनकी आशावादी सोच अभी भी ज़िंदा है. उन्होंने लिखा, “हर दिन एक तोहफा है और मैं अब भी मुस्कुराना जानती हूं.”

“वफादारी की कोई कीमत नहीं”

इस छंटनी के बाद माइक्रोसॉफ्ट की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई. कई यूज़र्स ने कहा कि यह घटना इस बात का सबूत है कि अब किसी कंपनी से भावनात्मक जुड़ाव रखने का कोई फायदा नहीं. एक यूज़र ने सवाल उठाया, “क्या एल्गोरिदम ने उन लोगों को टारगेट किया जो 40 की उम्र पार कर चुके हैं या जिनका हेल्थ इंश्योरेंस खर्च कंपनी पर ज्यादा पड़ता है?”

AI का बढ़ता दखल, इंसानों की घटती अहमियत?

Microsoft का तर्क है कि कंपनी अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं में AI को ज़्यादा शामिल करना चाहती है. CEO सत्या नडेला ने हाल ही में बताया कि कुछ प्रोजेक्ट्स में अब 30 फीसदी कोडिंग AI द्वारा की जा रही है और एक VP ने यह लक्ष्य 50 फीसदी तक ले जाने को कहा. यही वजह रही कि इंजीनियरों और सीनियर टीम लीड्स तक की छंटनी कर दी गई, ताकि मशीनें उन कामों को संभाल सकें जिन्हें इंसान अब तक करते आ रहे थे.

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