India-Bangladesh Relations: बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने शुक्रवार (6 दिसंबर 2024) को मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ हुए व्यवहार को लेकर कड़ी आलोचना की. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर सवाल उठाए.
उन्होंने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का जिक्र करते हुए कहा, “भारत, जिसने पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश को बचाने के लिए 17,000 सैनिकों की जान गंवाई, आज दुश्मन बताया जा रहा है.” नसरीन ने आगे कहा, “भारत, जिसने स्वतंत्रता सेनानियों को हथियार और प्रशिक्षण देकर पाकिस्तान से लड़ने में मदद की, वह आज दुश्मन बन गया है. वहीं, पाकिस्तान, जिसने 30 लाख लोगों की हत्या की और 2 लाख महिलाओं का बलात्कार किया, वह आज दोस्त बन गया है.”
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार
बांग्लादेश में खासतौर पर हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है. हाल ही में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़क उठी. उन पर बांग्लादेशी ध्वज के कथित अपमान को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इस स्थिति को लेकर भारत और यूके सहित कई देशों ने बांग्लादेश की आलोचना की है. भारत में निर्वासित जीवन बिता रहीं शेख हसीना ने भी युनूस सरकार को “नरसंहारकारी” बताते हुए उसकी नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं.
अल्पसंख्यकों के समर्थन में प्रदर्शन की तैयारी
200 से अधिक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधित्व वाले नागरिक समाज के सदस्य अगले हफ्ते बांग्लादेश दूतावास के बाहर विरोध मार्च निकालेंगे. आरएसएस के एक पदाधिकारी ने शुक्रवार (6 दिसंबर 2024) को इस बात की जानकारी दी. इस प्रदर्शन का मकसद हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना है.
ये भी पढ़ें: