समंदर के अंदर 300 साल पहले डूबे हुए जहाज के मलबे की खोज हुई है. यह जहाज भारत से लूटा गया अरबों रुपयों का खजाना लेकर जा रहा था, तभी इस पर समुद्री डाकुओं ने हमला कर दिया था. नोसा सेन्होरा डो काबो नाम का ये पुर्तगाली जहाज साल 1721 में मेडागास्कर के पास डूब गया था. बताया जा रहा है कि इस जहाज के मलबे में बेशकीमती खजाना है, जिसकी कीमत करीब 12 अरब रुपये है.
ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बात 8 अप्रैल 1721 की है, जब समुद्री डाकुओं ने खजाने से भरे पुर्तगाली जहाज पर हमला कर दिया. यह घटना बड़ी समुद्री डकैतियों में से एक है. यह भी बताया जाता है कि भारत से जा रहे इस जहाज में न सिर्फ खजाना था, बल्कि 200 गुलाम भी मौजूद थे, जिनके बारे में न तो उस समय और न ही अब तक कोई सुराग लगा है. हथियारों से लैस जब इस जहाज पर समुद्री हमला हुआ और कैप्टन इस हमले से जहाज को बचाने में नाकामयाब रहा तो ये पुर्तगाली साम्राज्य के लिए बदनामी की एक वजह बन गई.
जहाज के मलबे से और क्या-क्या मिला?
आर्कियोलॉजिस्ट्स ने 16 साल की जांच के बाद इस जहाज के मलबे को मेडागास्कर के नोसी बोराहा द्वीप के पास खड़ा पाया. इसके मलबे में तीन हजार से ज्यादा कलाकृतियां भी निकाली गईं. इनमें धार्मिक मूर्तियां, सोने के सिक्के, मोती और खजाने से भरे संदूक शामिल हैं. इसके साथ-साथ एक हाथी दांत की पट्टी भी मिली है, जिस पर सोने के अक्षरों में ‘INRI’ लिखा है. रिसर्चर्स का कहना है कि आज के समय इस माल की कीमत 108 मिलियन पाउंड हो सकती है, जोकि भारतीय करेंसी में करीब 11.74 अरब रुपये हो सकती है
पुर्तगाल का उपनिवेश था भारतीय राज्य गोवा
जब इस जहाज पर हमला हुआ तो यह गोवा से खजाना भरकर वापस पुर्तगाल लौट रहा था. उस समय गोवा पुर्तगाल का ही औपनिवेशिक राज्य था और अंग्रेजों के जाने के बाद यहां से पुर्तगाली वापस लौटे थे. जब नोसा सेन्होरा डो काबो जहाज पर हमला किया गया था, उस समय पुर्तगाल का भारत और यूरोप के बीच प्रमुख समुद्री व्यापार मार्गों पर नियंत्रण हुआ करता था. इन मार्गों के जरिए मसाले, कीमती पत्थर के अलावा जहाज गुलाम लोगों को भी ले जाता था, जिन्हें पूरे बंदरगाहों और खदानों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था.
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