China Space Plan: चीन ने चांद पर अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की दिशा में एक और बड़ी सफलता हासिल की है. चीन की योजना है कि वह 2030 तक तीन अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजे. इस लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए चीन ने अपने नए चंद्र मिशन “मेंगझोउ” के रिटर्न कैप्सूल का सफल एस्केप टेस्ट 17 जून को किया. इस परीक्षण में मेंगझोउ के कैप्सूल को एस्केप टॉवर से सफलतापूर्वक अलग किया गया. यह परीक्षण इसलिए अहम है क्योंकि यह तकनीक आपातकाल की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है. यह 1998 के शेनझोउ मिशन के बाद चीन का दूसरा “जीरो-हाइट एस्केप फ्लाइट टेस्ट” था, यानी ऐसी स्थिति में जब यान जमीन से बहुत कम ऊंचाई पर होता है और इमरजेंसी में कैप्सूल को अलग करना पड़ता है.
मेंगझोउ: ‘सपनों का जहाज’
चीन के इस चंद्र यान का नाम मेंगझोउ (Mengzhou) रखा गया है, जिसका अर्थ है “सपनों का जहाज”. इस यान की खास बात यह है कि इसके एस्केप और रेस्क्यू सिस्टम पूरी तरह अंतरिक्ष यान के अंदर ही लगे हैं, जबकि पहले के शेनझोउ मिशन में यह काम रॉकेट सिस्टम करता था. इसका मतलब है कि अंतरिक्ष यात्री अब ज्यादा सुरक्षित रहेंगे और सिस्टम अधिक आत्मनिर्भर है.
एस्केप सिस्टम में तकनीकी सुधार
इस मिशन के एस्केप सिस्टम को चीन की एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉर्प (CASIC) की चौथी अकादमी ने विकसित किया है. उन्होंने बताया कि इस बार स्वदेशी सेंसर और मैकेनिकल सिस्टम का उपयोग करके एस्केप सिस्टम को विकसित किया गया है. इसके साथ ही SRM (सॉलिड रॉकेट मोटर) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो ठोस ईंधन के जरिए थ्रस्ट यानी जोर पैदा करती है. यह सिस्टम रिटर्न कैप्सूल के ऊपरी हिस्से पर लगाया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर अंतरिक्ष यात्रियों को तुरंत सुरक्षित निकाला जा सके.
भविष्य की तैयारी- लॉन्ग मार्च 10A मिशन
CMSA ने बताया कि अब अगला बड़ा मिशन 2026 में लॉन्ग मार्च 10A रॉकेट का लॉन्च होगा. यह मिशन भविष्य की तैयारियों में अहम भूमिका निभाएगा. मेंगझोउ के एस्केप टेस्ट के बाद चीन के मानवयुक्त चंद्र मिशन की योजना अब और तेजी से आगे बढ़ेगी.
चंद्रमा पर तीन बार लॉन्च और 2030 में लैंडिंग
चीन ने इससे पहले मई 2023 में चांगई 6 नामक मानवरहित यान को चंद्रमा पर भेजा था. अब CNSA की योजना है कि 2027 से 2030 के बीच तीन बार लॉन्ग मार्च 10 रॉकेट लॉन्च किया जाए. 2030 के मिशन के दौरान तीन अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाला यान चंद्रमा के पास जाकर एक लैंडर के साथ डॉक करेगा और फिर चांद की सतह पर उतरेगा.
इस तरह चीन का चंद्र मिशन अब केवल सपना नहीं रहा, बल्कि सटीक तकनीकी तैयारी और कदम दर कदम सफलता के साथ वह चंद्रमा पर मानव को भेजने की दिशा में पूरी गंभीरता से बढ़ रहा है.