50 बेसिस पॉइंट रेपो रेट घटने का क्या है मतलब? देश की जनता के लिए क्या हैं इसके फायदे?

50 बेसिस पॉइंट रेपो रेट घटने का क्या है मतलब? देश की जनता के लिए क्या हैं इसके फायदे?


RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट घटाकर देश की आम जनता को फिर से बड़ी राहत दी है. शुक्रवार की सुबह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की. इस कटौती के बाद अब रेपो रेट 6 परसेंट से कम होकर 5.5 परसेंट हो गया है. मुंबई में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के खत्म होने के बाद यह फैसला सुनाया गया. 

एक साल में तीसरी बात हुई कटौती

यह साल 2025 में तीसरी बार है जब रेपो रेट में कटौती की गई है. फरवरी और अप्रैल में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई थी. इससे देश में महंगाई में कमी को लेकर रिजर्व बैंक के बढ़ते आत्मविश्वास और आर्थिक विकास को सपोर्ट देने के लिए अधिक उदार मॉनिटरी पॉलिसी को अपनाए जाने के संकेत मिल रहे हैं.

आज रेपो रेट में कटौती का ऐलान करते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए कमेटी ने नीति का रूख ‘Accommodative’ से बदलकर ‘Neutral’कर दिया है. इसका मतलब यह है कि अब अगली बैठक में रेपो रेट को घटाने या बढ़ाने को लेकर तुरंत कोई फैसला नहीं लिया जाएगा. मौजूदा हालात को देखते हुए अब आने वाले समय में रेपो रेट को लेकर फैसला किया जाएगा. हालांकि, अभी किया गया रेट कट मौजूदा परिस्थितियों में आर्थिक विकास को सहारा देने के लिए जरूरी था. 

रेपो रेट घटने से आपकी जेब पर क्या होगा असर?

रेपो रेट में कटौती के फैसले के साथ-साथ गवर्नर संजय मल्होत्रा ने स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी (SDF) को अब 5.25 परसेंट पर रखने, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी (MSF) और बैंक रेट में बदलाव कर इसे 5.75 परसेंट कर दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल आता है कि रेपो रेट कम होने से आम आदमी को क्या-क्या फायदे मिलने वाले हैं? आइए इस पर एक नजर डालते हैं. 

  • रेपो रेट कम होने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे उधार देने की लागत और कम हो जाएगी. यानी कि बैंक अब होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन, रिटेल लोन पर इंटरेस्ट रेट घटा देंगे. इससे आपकी मंथली EMI कम होगी, तो आपको ही अधिक सेविंग्स करने में मदद मिलेगी. 
  • अब अगर कोई नया लोन लेने के बारे में सोच रहा है, तो उसे भी यह कम इंटरेस्ट रेट पर मिलेगा. यानी कि एजुकेशन लोन हो या कार लोन अब ये आपको पहले के मुकाबले सस्ते में मिलेंगे.
  • रेपो रेट कम होने से SME और बिजनेस लोन पर भी ब्याज घटेगा. नतीजतन, बिजनेस चलाना आसान होगा. इससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा, तो आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी. कुल मिलाकर देश की इकोनॉमी स्ट्रॉन्ग होगी. 
  • जाहिर सी बात है कि EMI से कुछ सेविंग्स होगी, तो दूसरी चीजों पर खर्च करने योग्य आय बढ़ेगी. लोग अधिक खरीदारी करेंगे या निवेश करेंगे. इससे कारोबार मजबूत होगा और देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगी. 

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