’60 लाख सालाना से कम कमाने वाला गरीब…’ सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट पर मचा हंगामा

’60 लाख सालाना से कम कमाने वाला गरीब…’ सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट पर मचा हंगामा


New Income Tax Act: सोशल मीडिया पर आय दिन किसी न किसी बात को लेकर बवाल खड़ा हो जाता है. हाल ही में एक यूजर ने जब पोस्ट करते हुए यह लिखा कि सालाना 60 लाख रुपये से कम कमाने वाले को गरीब माना जाना चाहिए, तो एक नई बहस छिड़ गई. 

इस वायरल पोस्ट से मचा हंगामा

इस पोस्ट में लिखा गया, ”सालाना 60 लाख रुपये से कम कमाने वाला गरीब है. आज जीएसटी, इनकम टैक्स और वैट के रूप में अपना 70 फीसदी आय चुका देते हैं. सालाना 2 लाख रुपये कम कमाने वाला मिडिल क्लास है. इस पोस्ट में आगे लिखा गया, “60 लाख से 1 करोड़ रुपये कमाने वाला मिडिल क्लास की केटेगरी में आता है, जबकि 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वाला अपर मिडिल क्लास में आता है. अगर आपके पास अपने पूर्वजों की संपत्ति नहीं है, तो आप अमीर नहीं हैं.”

दरअसल, एक्स पर एक पोस्ट में लिखा गया, ”आज केवल आईटी वाले ही 12 लाख रुपये की आय टैक्स फ्री होने की बात पर रो रहे हैं. नॉन-आईटी वालों के लिए तो 7-10 साल का अनुभव होते हुए भी 12 लाख ड्रीम सैलरी है. इस पोस्ट में आगे लिखा गया, 24 लाख से अधिक कमाने वाले आईटी प्रोफेश्नल्स को खुद को लोअर मिडिल क्लास कहना बंद कर देना चाहिए. 12 लाख भूल जाइए- भारत के औसत वेतन की जांच करें तो देखें कि आप कहां खड़े हैं. बेहतर सड़क, स्वास्थ्य सेवा, पानी और शिक्षा की मांग करना जायज है, चाहे आप 1 लाख, 12 लाख, 24 लाख या 1 करोड़ कमाते हों. लेकिन 24 लाख की सैलरी पर खुद को गरीब दिखाने की एक्टिंग करना ? कृपया बकवास बंद करें.” 

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

इसी के जवाब में फिनटेक यूजर के पोस्ट पर यूजर्स ने जमकर पलटवार किया. एक ने लिखा, ”अगर 60 लाख से 1 करोड़ कमाने वाला ‘मिडिल क्लास’ है, तो 12 लाख क्या है? गरीबी रेखा से नीचे?”

एक और यूजर ने सवाल उठाते हुए पूछा, आप 70 परसेंट आय टैक्स के रूप में भरते हैं, ”अगर आप 33 परसेंट टैक्स ब्रैकेट में हैं और बाकी का खर्च सिर्फ 28 परसेंट GST वाले प्रोडक्ट्स पर करते हैं तो भी आपका टैक्स 70 परसेंट तक नहीं पहुंचेगा. शायद आपको प्राइमरी में गणित की सही जानकारी नहीं मिली होगी.” 

कुछ लोगों ने जमीनी हकीकत की बात करते हुए लिखा, ”भारत में 40 हजार रुपया कमाने वाला कोई भी ग्रामीण परिवार गरीब नहीं है. शहरी इलाकों के लिए इसे बढ़ाकर 8 लाख रुपया सालाना कर दें. ऐसे में 60 लाख रुपये सालाना कमाने वाला आराम से अपर मिडिल क्लास की कैटेगरी में आएगा.” 

बता दें कि इन सभी प्रतिक्रियाओं में आम बजट 2025 में घोषित नए इनकम टैक्स स्लैब की आलोचना की गई है. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि नए टैक्स रिजीम में अब से 12 लाख रुपये तक के इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 

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