लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने सोमवार (28 जुलाई, 2025) को कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ क्यों रोका गया था और पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले आतंकवादी अब तक गिरफ्त से बाहर क्यों हैं.
निचले सदन में पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को लेनी चाहिए.
रक्षा मंत्री ने कई सच्चाई नहीं रखी सामने: अमित शाह
उन्होंने कुछ सैन्य अधिकारियों के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जानकारी दी जानी चाहिए कि पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव में कितने विमान गिरे, क्योंकि यह जानकारी सिर्फ जनता नहीं, बल्कि जवानों के लिए भी जरूरी है. कांग्रेस नेता ने सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए दावा किया कि सिंह ने कई सच्चाई सामने नहीं रखीं.
गोगोई ने कहा, ‘हाल ही में जो युद्ध हुआ तो वो सूचना का युद्ध था. हम दुनिया को सच्चाई की सूचना देना चाहते थे, लेकिन कुछ ताकतें झूठ फैला रही थीं. इस चर्चा का मकसद है कि सच्चाई सदन में आनी चाहिए. राजनाथ सिंह जी ने बहुत सी सूचनाएं दी, लेकिन रक्षा मंत्री होने के नाते यह नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे आ गए? आतंकवादियों ने कैसे वहां पहुंचकर लोगों की हत्या की?’
5 आतंकवादी अब भी फरार
उनका कहना था, ‘विपक्ष का कर्तव्य है कि हम देशहित में सवाल पूछें. देश यह जानना चाहता है कि पांच आतंकवादी कैसे घुसे? उन आतंकवादियों का मकसद जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को तबाह करना और देश में सांप्रदायिक वातावरण को पैदा करना था. 100 दिन बीत गए, लेकिन पांच आतंकियों को पकड़ा नहीं जा सका, ऐसा क्यों हैं? यह देश जानना चाहता है.’
उन्होंने कहा, ‘आपने कहा कि अनुच्छेद 370 के जाने के बाद जम्मू-कश्मीर आइए और लोग आए, लेकिन जब लोग आतंकवादियों की गोलीबारी में घायल हुए तो एक घंटे एंबुलेंस पहुंचने में लग गए. उप राज्यपाल (मनोज सिन्हा) ने सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली है, लेकिन यह जिम्मेदारी गृह मंत्री को लेनी चाहिए.
सरकार ‘कमजोर और बुजदिल’
गोगोई ने दावा किया कि यह सरकार इतनी ‘कमजोर और बुजदिल’ है कि पहलगाम हमले के बाद टूर ऑपरेटर को दोष दिया कि उनकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए. इस सरकार में अहंकार आ गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री जी हमले के बाद सऊदी अरब से लौटकर आए तो आपको पहलगाम जाना चाहिए था, लेकिन आपने बिहार जाकर चुनावी भाषण दिया. अगर कोई पहलगाम गया तो वो हमारे नेता राहुल गांधी थे.’
इस पर सदन में सत्तापक्ष की तरफ से टोका-टोकी शुरू हो गई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गोगोई से कहा कि वह सदन में तथ्यात्मक बातें रखें. कांग्रेस नेता ने कहा कि उरी हमले के बाद सरकार की तरफ से जो बातें की गई थी, वही बातें अब की गईं हैं. गोगोई ने कहा कि जो सरकार ‘चीन को लाल आंख दिखाने’ की बात करती है, उस चीन का नाम तक रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में नहीं लिया.
‘पाकिस्तान घुटनों पर था तो आप क्यों झुके?’
उन्होंने कहा, ‘जब पूरा देश और विपक्ष प्रधानमंत्री के साथ खड़ा था तो अचानक युद्धविराम क्यों हुआ? अगर पाकिस्तान घुटनों पर था तो आप क्यों झुके, आप किसके सामने झुके? अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 बार कहा है कि उन्होंने व्यापार की बात करके युद्ध रुकवाया. राजनाथ सिंह बताएं कि कितने विमान गिरे. यह सच्चाई सिर्फ देश की जनता को नहीं, बल्कि जवानों को भी मिलनी चाहिए.’
गोगोई ने कहा, ‘सरकार सच्चाई से डरे नहीं. देश और विपक्ष पहले भी साथ खड़ा था और आज भी खड़ा है. हम सरकार के दुश्मन नहीं हैं, हम अपने देश के जवानों के पक्ष में खड़े हैं.0 आप हमें सच्चाई बताइए. अपेक्षा थी कि गृह मंत्री नैतिन जिम्मेदारी लेंगे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जिम्मेदारी लेंगे और प्रधानमंत्री यह बताएंगे कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया. सरकार को सच्चाई सामने रखनी चाहिए.
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