Indian Rupee vs US Dollar: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील में बनी अनिश्चितता और कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बीच निवेशकों की धारणा कमजोर रहने के चलते बुधवार, 30 जुलाई 2025 को रुपया 24 पैसे टूटकर डॉलर के मुकाबले 87 के निचले स्तर पर चला गया.
विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि आयातकों की ओर से महीने के अंत में डॉलर की मांग और विदेशी पूंजी की निकासी से भी स्थानीय मुद्रा पर भारी दबाव पड़ा. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Foreign Exchange Market) में रुपया नकारात्मक रुख के साथ खुला और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.15 के निचले स्तर को छू गया. यह एक दिन पहले के भाव से 24 पैसे की और गिरावट को दर्शाता है.
एक दिन पहले चार महीने के निचले स्तर पर रुपया:
मंगलवार, 29 जुलाई को रुपया चार महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था और 21 पैसे टूटकर डॉलर के मुकाबले 86.91 पर बंद हुआ था. दूसरी ओर, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.11 प्रतिशत लुढ़ककर 98.77 पर आ गया.
शेयर बाजार में बढ़त:
शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स 126.27 अंक उछलकर 81,464.22 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि एनएसई पर निफ्टी-50 भी 45.90 अंक चढ़कर 24,867.00 अंक पर पहुंच गया. जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वीके विजय कुमार का कहना है कि जिस तरह का बाउंसबैंक बाजार में एक दिन पहले निफ्टी में देखने को मिला और 140 अंक उछला वैसा आगे रहने की उम्मीद नहीं है.
इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ब्रेंट क्रूड 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.59 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) मंगलवार को बिकवाल रहे थे. उन्होंने शुद्ध रूप से 4,636.60 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
ये भी पढ़ें: पहले भारतीय बने Procter & Gamble कंपनी के सीईओ, शैलेश जेजुरीकर को मिली बड़ी जिम्मेदारी