‘अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में लंच…’, PAK के पूर्व विदेश मंत्री ने बताई मनमोहन सिंह की इच्छा

‘अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में लंच…’, PAK के पूर्व विदेश मंत्री ने बताई मनमोहन सिंह की इच्छा


Manmohan Singh Death: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने दिवंगत भारतीय प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ अपने जुड़ाव की यादों को याद किया, जिनका गुरुवार (26 दिसंबर) की रात दिल्ली में निधन हो गया. शुक्रवार (27 दिसंबर) को लाहौर में PTI को दिए एक इंटरव्यू में कसूरी ने कहा कि डॉ. सिंह को इतिहास में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए खुद को समर्पित कर दिया.

83 वर्षीय कसूरी, जिन्होंने नवंबर 2002 से नवंबर 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया किया है. उन्होंने पूरे सार्क क्षेत्र में अनुकूल माहौल बनाने के लिए सिंह को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि यह डॉ सिंह के बयान से सबसे अच्छा उदाहरण है कि “वह उस दिन का इंतजार कर रहे थे जब अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में दोपहर का भोजन और काबुल में रात का खाना संभव होगा”. कसूरी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह उस प्रक्रिया का हिस्सा बने, जिसमें दोनों देशों के बीच शांति वार्ता के दौरान अभूतपूर्व प्रगति हुई.

मनमोहन सिंह के कार्यकाल में आपसी विश्वास पैदा हुआ
पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी  ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के कार्यकाल के दौरान लोगों से लोगों के बीच संपर्क काफी बढ़ा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों सरकारों के बीच आपसी विश्वास पैदा हुआ. कसूरी ने कहा कि इससे उन्हें जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान के लिए संभावित ढांचे का खाका तैयार करने में भी मदद मिली. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया उस समय शुरू हुई थी जब पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और भारत के अटल बिहारी वाजपेयी ने दो संबंधित सरकारों का नेतृत्व किया था, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि डॉ. मनमोहन सिंह ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में अपना दिल और आत्मा लगा दी.

पंजाब के चकवाल जिले में मनमोहन सिंह का जन्म
कसूरी को याद आया कि सिंह ने पाकिस्तान के पंजाब के चकवाल जिले में स्थित अपने जन्म स्थल का दौरा करने की तीव्र इच्छा व्यक्त की थी. उन्होंने सिंह को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा. कसूरी ने उम्मीद जताई कि एक दिन दिवंगत प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण कौर और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के लिए श्री सिंह के जन्मस्थान का दौरा करना संभव होगा. कसूरी ने अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ भारत के लोगों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की.

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