भारत को आंखें दिखा रहा अमेरिका, पहले कहा पुतिन का कर रहे थे समर्थन…फिर लगा दिया बैन

भारत को आंखें दिखा रहा अमेरिका, पहले कहा पुतिन का कर रहे थे समर्थन…फिर लगा दिया बैन


America Ban Indian Companies: अमेरिका से भारत के लिए बुरी खबर आई है. दरअसल, अमेरिकी बाइडेन सरकार ने रूस के साथ LNG के व्यापार में शामिल होने और अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोप में भारत की दो कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिन दो कंपनियों पर अमेरिकी सरकार ने बैन लगाया है, उनका नाम है, स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड. ये दोनों कंपनियां हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग ने क्या कहा

द मिंट की खबर के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि इन कंपनियों ने रूस की आर्कटिक एलएनजी 2 परियोजना का समर्थन किया, जो रूस के एनर्जी सेक्टर का एक अहम हिस्सा है. यह परियोजना यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को वित्तीय रूप से समर्थन देने में मदद कर रही है. अमेरिका के विदेश विभाग के अनुसार, इन कंपनियों ने आर्कटिक एलएनजी 2 के लिए या इसके समर्थन में फाइनेंशियल, फिजिकल या तकनीकी सहायता दी है. अमेरिकी कानून के तहत, इन्हें कार्यकारी आदेश 14024 के तहत नामित किया गया है, जो रूस के ऊर्जा क्षेत्र में शामिल संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देता है.

अमेरिकी बैन का क्या प्रभाव पड़ेगा

अमेरिकी बयान में कहा गया कि एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज के स्वामित्व वाले दो जहाजों – प्रवासी और ओनिक्स – रूस से एलएनजी परिवहन में शामिल पाए गए हैं. अब इन जहाजों और कंपनियों की संपत्तियों को अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत जब्त कर लिया जाएगा और इनसे किसी भी प्रकार का व्यापार प्रतिबंधित होगा.

आपको बता दें, हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े 200 से अधिक संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसके अलावा, 180 से अधिक जहाजों को भी “ब्लॉक्ड एसेट्स” के रूप में नामित किया गया है. ब्लिंकन ने कहा कि यह कार्रवाई रूस के ऊर्जा संसाधनों से होने वाली आय को बाधित करने और यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को कमजोर करने के उद्देश्य से की गई है. इस संबंध में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने 150 से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया है. इनमें रूस के प्रमुख तेल उत्पादक गज़प्रोम नेफ्ट, सर्गुटनेफ्टेगास, रूसी बीमा कंपनियां और कई बड़े शैडो फ्लीट शिप भी शामिल हैं.

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