जम्मू-कश्मीर में स्कूलों की हालत खराब, 119 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं, अब मचा हंगामा

जम्मू-कश्मीर में स्कूलों की हालत खराब,  119 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं, अब मचा हंगामा


Jammu Kashmir Schools: जहां सरकार “सबको शिक्षा” का वादा कर रही है वहीं जम्मू-कश्मीर के सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति सामने आई है. हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि पिछले एक दशक में कम छात्र नामांकन की वजह से लगभग पांच हजार सरकारी स्कूल बंद या विलय हो चुके हैं. इसके अलावा 119 सरकारी स्कूल अभी भी जीरो छात्र नामांकन के साथ चल रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग (SED) की ओर से जारी किए गए 2023-24 के डेटा के अनुसार राज्य में 24,241 स्कूल हैं जिनमें 18,724 सरकारी और 5,517 प्राइवेट स्कूल शामिल हैं. हालांकि सरकारी स्कूलों में छात्रों की कमी और उच्चतम शिक्षकों की संख्या की वजह से सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. इस डेटा में ये भी सामने आया कि 119 स्कूलों में एक भी छात्र नामांकित नहीं है जबकि इन स्कूलों में कम से कम 238 शिक्षक हैं.

जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2023 में 4,393 स्कूलों को बंद किया

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2015-16 में 2,400 स्कूलों को विलय कर दिया था और 2023 में इस प्रक्रिया को बढ़ाते हुए 4,393 स्कूलों को बंद किया गया. 2024 में सरकार ने 4400 से ज्यादा सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. इन स्कूलों में छात्रों का नामांकन या तो जीरो था या बहुत कम था. इसलिए सरकार ने इन स्कूलों को पास के अन्य सरकारी स्कूलों में मिला दिया है.

ई-पहल से प्रॉक्सी उपस्थिति कम हुई

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जीरो नामांकन वाले स्कूलों में सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के शिक्षण संस्थान शामिल हैं और इस डेटा में कुछ विसंगतियां हो सकती हैं. अधिकारियों ने यह भी बताया कि छात्रों के आधार कार्ड और एपीएएआर आईडी के जरिए ये सामने आया कि कुछ छात्र एक से ज्यादा स्कूलों में नामांकित थे जिसकी वजह से उपस्थिति प्रॉक्सी द्वारा ली जा रही थी. नई ई-पहल से ये समस्या कम हुई है और दर्जनों स्कूलों में छात्रों का नामांकन जीरो हो गया है.

प्राइवेट स्कूलों की भी हालत खराब

पार्किया स्कूलों के आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ सालों में 200 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों को भी बंद होना पड़ा है. प्राइवेट स्कूल संघ ने भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. जम्मू-कश्मीर में कुल 5,688 शैक्षिक संस्थान थे जिनमें से अब तक केवल 5,555 स्कूल ही चल रहे हैं.

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