अधिकतर टैक्स पेयर्स के न्यू टैक्स रिजीम में जाने के अलावा और कोई उपाय नहीं, जानिए क्या हैं कारण

अधिकतर टैक्स पेयर्स के न्यू टैक्स रिजीम में जाने के अलावा और कोई उपाय नहीं, जानिए क्या हैं कारण


New Tax Regime:  12 लाख तक की सालाना आमदनी को टैक्स फ्री कर देने के बाद देश के अधिकतर टैक्सपेयर्स के पास न्यू टैक्स रिजीम को अपनाने के अलावा और कोई उपाय नहीं है. क्योंकि स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ न्यू टैक्स रिजीम 12 लाख 75 हजार तक की सालाना आमदनी पर आम तौर पर कोई टैक्स नहीं लगने देगा. बस इसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरकर कुछ जरूरी दस्तावेजों को जमा कर केवल रिफंड क्लेम करना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने भी ऐसी ही उम्मीद जताई है. रविवार को पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 90 फीसदी लोग न्यू टैक्स रिजीम को अपना लेंगे. अभी यह 75 फीसदी तक ही है. उन्होंने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम समझने में बिल्कुल सरल और आसान है. इसमें ओल्ड टैक्स रिजीम की तरह एक्जंप्शन और डिडक्शन का कोई जाल नहीं है. इसे समझने के लिए कहीं दौड़ने की जरूरत नहीं है. बिना किसी प्रोफेशनल की मदद के इसमें इनकम टैक्स रिटर्न भरा जा सकता है. 

बिना हस्तक्षेप के अधिक से अधिक टैक्स कलेक्शन है मकसद 

रवि अग्रवाल ने कहा कि सीबीडीटी टैक्स पेयर्स की राह आसान करने के लिए कई तरीकों पर काम कर रहा है. देश का खजाना भरने के लिए आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस और ह्यूमन इंटेलीजेंस सभी साधनों के उपयोग किए जा रहे हैं. पिछले इनकम टैक्स रिटर्न के आधार पर इस साल के इनकम टैक्स का अनुमान लगाकर भी इनकम टैक्स रिटर्न को जांचा जा रहा है. ज्ञात हो कि सीबीडीटी यानी प्रत्यक्ष कर बोर्ड ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेगुलेटरी बॉडी है. इनकम टैक्स के रूल से लेकर टैक्स कलेक्शन के तरीकों और टैक्स चोरी रोकने के उपायों का प्लान यही बोर्ड तय करता है.

25 लाख तक की आमदमी वालों को भी 1.1 लाख का लाभ

रवि अग्रवाल ने कहा कि 25 लाख तक की सालाना आमदनी वालों को भी इनकम टैक्स में राहत दी गई है. उन्हें लगभग एक लाख 10 हजार रुपये तक टैक्स में बचत हो सकती है. यह सुविधा भी न्यू टैक्स रिजीम में ही है. 

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