एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति के US को दिया कौन सा प्रपोजल, जो आनंद महिंद्रा बोले- उम्मीद है भारत

एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति के US को दिया कौन सा प्रपोजल, जो आनंद महिंद्रा बोले- उम्मीद है भारत


Anand Mahindra Reaction : भारत के दिग्गज बिजनेसमैन और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले के एक प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दरअसल, एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने अमेरिका को एक प्रस्ताव दिया है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी प्रशासन को एक निर्धारित कीमत चुकाकर अमेरिकी अपराधियों को अपने देश में रखने की पेशकश की थी. आनंद महिंद्रा ने इस प्रस्ताव को एक आउटसोर्सिंग का एक अवसर करार दिया है, जिसे लेकर उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत कभी ऐसा नहीं करेगा.

अपराधियों के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाने के लिए जाने जाने वाले एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने अमेरिका को एक सुझाव दिया है कि अमेरिका अपने कैदियों को एल साल्वाडोर के मेगा-प्रिजन CECOT (Centro de Confinamiento del Terrorismo) में रहने के लिए भेज सकता है, जो इसके कैदियों से भरे जेल सिस्टम के लिए एक कॉस्ट-इफेक्टिव समाधान है.

एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति ने प्रस्ताव के पीछे का दिया तर्क

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति बुकेले ने कहा, “इस प्रस्ताव के तहत अमेरिका के लिए ये कीमत बेहद कम होगा, लेकिन यह हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होगा और इससे हमारा पूरा जेल सिस्टम आर्थिक रूप से भी मजबूत बनेगा.” बुकेले के इस प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अपने ट्वीट में कहा, “यह आउटसोर्सिंग का ऐसा अवसर है जिसे मैं उम्मीद करता हूं कि भारत कभी ऐसा नहीं करेगा.”

उल्लेखनीय है कि आनंद महिंद्रा की ये प्रतिक्रिया एल साल्वाडोर और अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के बीच संभावित समझौते के बाद आई है. अमेरिका पहले ही अवैध माइग्रेशन को रोकने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों के तहत अपने फेडरल जेलों में अप्रवासियों को हिरासत में रख रहा है. लॉस एंजिल्स, मियामी और फिलाडेल्फिया जैसे शहरों की फेसिलिटियों का इस्तेमाल इसके लिए किया जा रहा है, जिनमें 500 कैदियों को रखने की सुविधा है.

हालांकि, ट्रंप के इस कदम से पहले से ही दबाव वाले अमेरिकी जेल सिस्टम पर और ज्यादा दबाव बढ़ गया है. इसमें जेलों में स्टाफ की कमी, हिंसा और खराब बुनियादी ढांचे की समस्या शामिल है. वहीं, ICE के लिमिटेड क्षमता के साथ प्रशासन इसके लिए वैकल्पिक समाधान ढूंढने में लगा है.

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने क्या कहा?

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति के इस प्रस्ताव को दुनिया में सबसे अभूतपूर्व और असामान्य माइग्रेटरी समझौता बताया. उन्होंने कहा, “एल साल्वाडोर ने न सिर्फ अपने डिपोर्टेड नागरिकों को स्वीकार करने पर सहमति जताई है, बल्कि वह किसी भी राष्ट्रीयता के अपराधी को भी लेने के लिए तैयार है. इसमें खतरनाक गैंग्स जैसे एमएस-13 और ट्रेन डी अरागुआ के सदस्य भी शामिल है.”

विदेश मंत्री रुबियो ने माना कि इस समझौते में कई कानूनी अड़चनें हैं, क्योंकि अमेरिका के संविधान के मुताबिक अमेरिकी नागरिकों के डिपोर्टेशन को रोकता है. उन्होंने कहा, “हमारे पास एक संविधान है.. लेकिन यह एक बहुत ही अच्छा ऑफर है और अब प्रशासन को ही इस पर फैसला करना होगा.”

क्या है मेगा प्रिजन सीईसीओटी?

CECOT को साल 2023 में खोला गया था और यह टेकोलुका में स्थित एक बेहद कड़ी सुरक्षा वाली विशाल जेल है, जो सान साल्वाडोर के करीब 72 किमी पूर्व में है. इस जेल में 40000 कैदियों को रखने की क्षमता है.

यह भी पढ़ेंः ग्रीस के ‘इंस्टाग्राम आइलैंड’ पर 7,700 बार आया भूकंप, ज्वालामुखी में भी हो रही हलचल, दहशत में लोग





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *