ट्रंप के इस एक फैसले से 63 लाख लोगों की जान खतरे में, HIV से हो सकती है मौत

ट्रंप के इस एक फैसले से 63 लाख लोगों की जान खतरे में, HIV से हो सकती है मौत


UN On AIDS: संयुक्त राष्ट्र एड्स एजेंसी (UNAIDS) ने शुक्रवार (7 फरवरी) को चेतावनी दी कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार एचआईवी/एड्स कार्यक्रमों की वैश्विक फंडिंग बंद कर देती है, तो अगले चार वर्षों में छह मिलियन से अधिक लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है.

यूएनएड्स के उप कार्यकारी निदेशक क्रिस्टीन स्टेगलिंग ने जिनेवा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा विदेशी सहायता फंड पर रोक लगाने के बाद से एचआईवी/एड्स उपचार कार्यक्रमों की स्थिति बेहद अस्थिर हो गई है.

एचआईवी/एड्स कार्यक्रमों पर असर
ट्रंप प्रशासन ने 20 जनवरी 2025 को कार्यभार संभालने के बाद 90 दिनों के लिए विदेशी सहायता पर रोक लगा दी थी. इसके कुछ दिनों बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने जीवनरक्षक एचआईवी/एड्स कार्यक्रम PEPFAR (President’s Emergency Plan for AIDS Relief) को छूट दी, लेकिन इसके बावजूद कार्यक्रम के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. स्टेगलिंग ने कहा, “सामुदायिक स्तर पर बहुत भ्रम है कि छूट कैसे लागू की जाएगी. हम उपचार सेवाओं की डिलीवरी में बड़े व्यवधान देख रहे हैं.” उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि फंडिंग में कमी से एचआईवी संक्रमण के नए मामलों में वृद्धि हो सकती है.

63 लाख लोगों की मौत का खतरा
स्टेगलिंग ने चेतावनी दी कि अगर 2025 से 2029 तक पीईपीएफएआर की वित्तीय सहायता को फिर से अधिकृत नहीं किया गया, तो एड्स से होने वाली मौतों में 400 फीसदी की वृद्धि हो सकती है. “यह 63 लाख एड्स से संबंधित मौतें हैं जो भविष्य में होंगी… कोई भी कटौती, कोई भी ठहराव, हमारे लिए विनाशकारी हो सकता है,” उन्होंने कहा.

सामुदायिक क्लीनिकों को सबसे ज्यादा नुकसान
स्टेगलिंग ने बताया कि इथियोपिया में 5,000 सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अमेरिकी फंडिंग से अनुबंधित किया गया था, लेकिन अब इन अनुबंधों को समाप्त कर दिया गया है. सामुदायिक क्लीनिक, जो अमेरिकी सहायता पर पूरी तरह निर्भर हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा, “अगर फंडिंग बंद हो जाती है, तो बहुत से लोग इलाज के लिए सामने नहीं आएंगे, जिससे एचआईवी संक्रमण के नए मामले बढ़ सकते हैं.”

वैश्विक एड्स संकट
यूएनएड्स का यह भी कहना है कि अमेरिकी दान 70 देशों में संचालित एचआईवी/एड्स कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण है. ये कार्यक्रम 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के रूप में खत्म करने के वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह सभी विदेशी सहायता कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहा है ताकि यह देखा जा सके कि ये उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति के अनुरूप हैं. इस बीच, यूएनएड्स ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है.

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