पूर्व CJI के बेटे को रणवीर इलाहाबादिया ने बनाया वकील, फिर भी नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत! ज

पूर्व CJI के बेटे को रणवीर इलाहाबादिया ने बनाया वकील, फिर भी नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत! ज


India’s Got Latent Controversy: समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में अश्लील टिप्पणी के मामले में फंसे यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं. इस मामले में राहत पाने के लिए इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिल सकी.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की पीठ के सामने शुक्रवार (14 फरवरी, 2025) को इंडियाज गॉट लेटेंट से जुड़े कानूनी विवाद को सुनवाई के लिए रखा गया. हालांकि, बेंच ने मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए दो-तीन दिन बाद लिस्ट करने की बात कही. इस दौरान रणवीर इलाहाबादिया की ओर से पेश हुए वकील ने सभी का ध्यान खींचा.

ये वकील कोई और नहीं, पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बेटे और बॉम्बे हाईकोर्ट के जाने-माने वकील अभिनव चंद्रचूड़ थे. हालांकि, उन्होंने बीते 8 साल से ज्यादा समय से सुप्रीम कोर्ट में बहस नहीं की थी. सीजेआई के पद से पिता डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद पहली बार अभिनव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. आइए जानते हैं अभिनव चंद्रचूड़ के बारे में सबकुछ…

सिर्फ पूर्व CJI के बेटे ही नहीं हैं, अभिनव चंद्रचूड़

भारतीय न्यायिक व्यवस्था के लिए अभिनव चंद्रचूड़ के परिवार का नाम कोई नया नहीं है. अभिनव के पिता डीवाई चंद्रचूड़ भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं. अपने पिता के कार्यकाल के दौरान अभिनव चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में एक भी केस नहीं लड़ा हैं. अभिनव चंद्रचूड़ बॉम्बे हाईकोर्ट के जाने-माने वकील हैं और कानूनी लेखक भी हैं. 

अभिनव चंद्रचूड़ ने कहां से पूरी की पढ़ाई

अभिनव चंद्रचूड़ ने स्टैनफोर्ड लॉ कॉलेज से डॉक्टर ऑफ द साइंस ऑफ लॉ और मास्टर ऑफ द साइंस ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है. 2008 में अभिनव ने मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से ग्रैजुएशन किया. इसके बाद हार्वर्ड लॉ स्कूल से डाना स्कॉलर के तौर पर एलएलएम किया. 

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय लॉ फर्म गिब्सन, डॉन एंड क्रचर में बतौर एसोसिएट अटॉर्नी काम किया. हालांकि, बाद में वो भारत लौट आए और वकालत करने के साथ कानून की पेचीदगियों के बारे में लिखने लगे. 

पूर्व सीजेआई ने अपने विदाई भाषण में खुलासा किया था कि उनके बेटों (अभिनव और चिंतन) ने सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने से इनकार कर दिया था. उनके बेटों ने उनसे कहा था कि हम सुप्रीम कोर्ट में आपके रिटायर होने के बाद प्रैक्टिस करेंगे. अभी वहां प्रैक्टिस करने से आपकी और हमारी साख पर सवाल उठेंगे.

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