2025 हज यात्रा को लेकर सऊदी अरब का बड़ा फैसला, घरेलू तीर्थयात्रियों के लिए पेश किए चार पैकेज

2025 हज यात्रा को लेकर सऊदी अरब का बड़ा फैसला, घरेलू तीर्थयात्रियों के लिए पेश किए चार पैकेज


Hajj 2025 Packages: सऊदी अरब ने 2025 में हज को लेकर बड़ा फैसला लिया है. हज और उमराह मंत्रालय ने 2025 के हज सत्र के लिए सऊदी नागरिकों और प्रवासी मुसलमानों के लिए चार स्पेशल हज पैकेज पेश किए हैं. गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ये पैकेज विभिन्न बजट और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं.

जिससे तीर्थयात्री अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार कोई भी पैकेज चुन सकते हैं. सऊदी अरब ने इस्लामी हज यात्रा 2025 के लिए घरेलू तीर्थयात्रियों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

1. पहला पैकेज: मीना कैंप
विशेषताएं: शेयर्ड एकोमोडेशन के साथ हाई-क्वालिटी सर्विस
स्थान: मीना (मक्का से लगभग 6 किलोमीटर पूर्व)
कीमत: SR10,366 (परिवहन लागत अलग)
2. दूसरा पैकेज: हॉस्पिटैलिटी कैंप
विशेषताएं: शेयर्ड एकोमोडेशन के साथ आतिथ्य सुविधा
कीमत: SR8,092 (परिवहन लागत अलग)
3. तीसरा पैकेज: जमरात ब्रिज टॉवर्स
विशेषताएं: हज की प्रतीकात्मक पत्थर फेंकने की रस्म के नजदीक स्थित टॉवर आवास
कीमत: SR13,150 (परिवहन लागत अलग)
4. चौथा पैकेज: कदाना अल वादी टॉवर्स
विशेषताएं: शेयर्ड एकोमोडेशन के साथ एडवांस फैसिलिटी और पर्सनल सर्विस
कीमत: SR12,537 (परिवहन लागत अलग)

बच्चों पर प्रतिबंध
सऊदी अरब ने जून 2025 में होने वाले हज से पहले साफ कर दिया है की है कि इस साल हज पर बच्चों को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सऊदी हज और उमराह मंत्रालय ने कहा कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हज यात्रा के दौरान किसी भी संभावित नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है.” दरअसल, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस तरह के सख्त नियमों की घोषणा की गई है. 

रजिस्ट्रेशन की शर्तें और स्वास्थ्य नियम
गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक प्राथमिकता उन तीर्थयात्रियों को दी जाएगी, जिन्होंने पहले हज नहीं किया है, राष्ट्रीय पहचान पत्र या निवास परमिट धुल हिज्जा की 10 तारीख तक वैध होना चाहिए. गलत जानकारी दर्ज करने पर आवेदन अमान्य हो सकता है. तीर्थयात्री को कोई संक्रामक या गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए. मेनिन्जाइटिस और मौसमी इन्फ्लूएंजा के टीके अनिवार्य हैं. बता दें कि हज इस्लाम के पांच अनिवार्य कर्तव्यों में से एक है. जो मुसलमान शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हैं, उन्हें जीवन में कम से कम एक बार हज करना अनिवार्य है.

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