ED Raid Over Cryptocurrency Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार (20 फरवरी, 2025) को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत दिल्ली, जयपुर और मुंबई में कई ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी 600 करोड़ रुपये की क्रिप्टो करेंसी को भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बदलकर विदेशों में ट्रांसफर करने के मामले में की गई. ये घोटाला फर्जी वेबसाइट और ऑनलाइन धोखाधड़ी के जरिए किया गया था.
ED की जांच एक खबर के बाद शुरू हुई, जिसमें बताया गया कि भारतीय नागरिक चिराग तोमर अमेरिका में 20 मिलियन डॉलर (लगभग 166 करोड़ रुपये) की ठगी के मामले में जेल में बंद है. चिराग तोमर और उसके साथियों ने एक शातिर तरीका अपनाया, जिससे सैकड़ों लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए.
तैयार की हूबहू वेबसाइट
उन्होंने Coinbase जैसी बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वेबसाइट की हूबहू नकल करके एक फर्जी वेबसाइट तैयार की. जब कोई व्यक्ति गूगल या अन्य सर्च इंजन पर असली वेबसाइट खोजता, तो ये नकली वेबसाइट सबसे ऊपर दिखती. ED के मुताबिक, जब लोग इस नकली वेबसाइट पर अपने अकाउंट की जानकारी डालते तो उन्हें बताया जाता कि उनकी डिटेल गलत है. इसके बाद वेबसाइट पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर वे चिराग तोमर के लोगों से जुड़ते थे. कॉल सेंटर में बैठे ठग लोगों को उनके असली क्रिप्टो अकाउंट की जानकारी हासिल कर लेते थे फिर पीड़ितों की क्रिप्टो करेंसी को तुरंत धोखेबाजों के वॉलेट में ट्रांसफर कर लिया जाता था. इस क्रिप्टो को localbitcoins.com नाम की वेबसाइट पर बेचा जाता और भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए इसे रुपये में बदला जाता था.
आरोपी के बैंक खातों में 15 करोड़ रुपये ट्रांसफर
इस पूरे घोटाले में चिराग तोमर और उसके परिवार के बैंक खातों में 15 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. ED ने कार्रवाई करते हुए तोमर परिवार के कई बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए, जिनमें से 2.18 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके है. छापेमारी के दौरान ED को ऐसे और भी मामलों के सुराग मिले है. जिनमें क्रिप्टो करेंसी को localbitcoins.com पर बेचा गया और भारतीय एक्सचेंजों पर इसे रुपये में बदला गया.
ED गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही है और ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल है. जांच जारी है.
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