Illegal Immrgrants in US: अमेरिका पहुंचने का ऐसा जुनून कि गुजरात का एसी पटेल नकली पासपोर्ट बनाकर पाकिस्तान का मोहम्मद नजीर हुसैन बन गया. पटेल के पासपोर्ट पर हुसैन का नाम और पाकिस्तानी नागरिकता लिखी हुई थी, लेकिन अमेरिका के अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया और हुसैन का दावा करने वाले एसी पटेल की चोरी पकड़ी गई. अमेरिकी अधिकारियों ने एसी पटेल को 12 फरवरी को सैन्य विमान से भारत वापस भेज दिया.
अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप ने नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है, तबसे अमेरिकी एजेंसियों ने अवैध प्रवासियों पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी. वहां रहने वाले अवैध प्रवासियों को लेकर तीन अमेरिकी सैन्य विमान से अमृतसर एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं. इनमें कुल 332 भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया जा चुका है. इनमें से 74 गुजरात के लोग हैं.
टीओआई के मुताबिक, भारत में आते ही दिल्ली पुलिस ने एसी पटेल को गिरफ्तार कर लिया. पटेल पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें धोखाधड़ी और पासपोर्ट का दुरुपयोग भी शामिल है. भारत के इमिग्रेशन अधिकारियों को जिस बात ने सबसे ज्यादा चौंकाया, वो था एसी पटेल का पाकिस्तानी पासपोर्ट. वो कोई फर्जी पासपोर्ट ही नहीं था, बल्कि पाकिस्तान के रहने वाले हुसैन का खोया हुआ पासपोर्ट था.
दुबई में एजेंट को दिए थे रुपये
जब एसी पटेल से इस बारे में पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. पाकिस्तानी पासपोर्ट के लिए उनसे दुबई में एक एजेंट को इसके लिए रुपये दिए थे ताकि वो अमेरिका जाने वाली एक फ्लाइट में आसानी से जा सके. इसके लिए उसने गुजरात की अपनी जगह को बदलकर पाकिस्तानी मूल का बनना स्वीकार कर लिया था.
2016 में एक्सपायर हुआ था एसी पटेल का पासपोर्ट
जांच में ये भी सामने आया है कि एसी पटेल का असली पासपोर्ट 2016 में एक्सायर हो गया था, इसे रिन्यू कराने की बजाय उसने ह्यूमन ट्रैफिकिंग का रास्ता चुना. एजेंटों ने उसे फर्जी डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराए और दुबई के जरिए उसकी अवैध यात्रा की सुविधा प्रदान की. एक सूत्र ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वाले तस्कर ऐसे पासपोर्ट चुनते हैं जो अमेरिकी वीजा प्राप्त करने के लिए मजबूत हों या फिर किसी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के नागरिक का पासपोर्ट यूं ही चुन लेते हैं ताकि अमेरिका में आसानी से घुसपैठ कर सकें.
अमेरिका से अबतक 332 भारतीय प्रवासी डिपोर्ट
ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका से अबतक 332 अवैध भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया है. अमेरिका से पहला बैच 5 फरवरी को आया था, जिसमें 104 प्रवासी भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड किया गया था, जबकि दूसरा बैच 15 फरवरी को आया था, जिसमें 116 प्रवासी थे. इसके बाद तीसरा बैच16 फरवरी को आया था, इसमें 112 प्रवासी भारतीय थे. अमेरिकी एजेंसियों द्वारा भारतीय प्रवासियों के साथ किए गए व्यवहार पर भारत में बहुत हंगामा हुआ था, विपक्ष ने ये मुद्दा संसद में भी उठाया था, जिसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर बयान भी दिया था.