US On Goldfish: अमेरिका के मछली और वन्यजीव विभाग (USFWS) ने गोल्डफिश पालने वालों के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है. विभाग ने कहा है कि अगर पालतू गोल्डफिश को नदियों या तालाबों में छोड़ा जाता है, तो यह एक बड़ी और आक्रामक मछली में बदल सकती है, जो पर्यावरण को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है.
USFWS ने कहा है कि गोल्डफिश यदि प्राकृतिक जल में छोड़ दी जाती है, तो यह आक्रामक प्रजाति में बदलकर जल स्रोतों को दूषित कर सकती है और अन्य मछलियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. यह मछली उस पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा नहीं होती, लेकिन उस तंत्र को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकती है.
फ्रांस में पकड़ी गई विशालकाय गोल्डफिश
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में फ्रांस में एक ब्रिटिश मछुआरे ने एक विशालकाय गोल्डफिश पकड़ी है, जिसे ‘द कैरट’ नाम दिया गया है. यह गोल्डफिश अब तक पकड़ी गई सबसे बड़ी गोल्डफिश मानी जा रही है. इस मछली का आकार इतना बड़ा है कि इसे मेगालोडन का नाम दिया गया है.
एंडी हैकेट, 42 वर्षीय मछुआरे ने फ्रांस के ब्लूवाटर लेक्स से इस मछली को पकड़ा. उन्होंने बताया कि यह मछली बहुत बड़ी है और इसे पकड़ना आसान नहीं था. इसके बावजूद, उन्होंने इसे वापस झील में छोड़ दिया. इस मछली को करीब 20 साल पहले झील में छोड़ा गया था और तब से यह बढ़ती जा रही है.
पालतू गोल्डफिश नदियों में न छोड़ें
USFWS ने स्पष्ट किया है कि अगर आप अपनी गोल्डफिश की देखभाल नहीं कर सकते, तो उसे किसी और को दे दें या पालतू जानवरों की दुकान में वापस कर दें. जंगल या नदियों में इन्हें छोड़ना पर्यावरण के लिए खतरनाक हो सकता है.
मेगालोडन में बदल सकती है गोल्डफिश
USFWS ने चेतावनी दी है कि पालतू गोल्डफिश जब जंगल में छोड़ी जाती है तो यह कुछ सालों में मेगालोडन जैसी विशाल मछली में तब्दील हो सकती है. इसका आकार और आक्रामकता पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, जिससे जल स्रोतों में प्रदूषण और दूसरी मछलियों के लिए खतरा बढ़ सकता है. USFWS की तरफ से जारी यह चेतावनी गोल्डफिश पालने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है. गोल्डफिश को नदियों या तालाबों में छोड़ने से गंभीर पर्यावरणीय खतरे पैदा हो सकते हैं. इससे बचने के लिए पालतू मछलियों की सही देखभाल और जिम्मेदारी जरूरी है.
ये भी पढ़ें: America Religious Popualation: अमेरिका में भयंकर रूप से कम हुई ईसाई आबादी, हिन्दुओं को लेकर भी डाटा आया सामने, पढ़ें