दिल्ली हाई कोर्ट को युवा मामले और खेल मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 मार्च को जारी एक आदेश के तहत भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का निलंबन रद्द कर दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने WFI की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जो दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल जज के 16 अगस्त के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी. उस आदेश में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा नियुक्त की गई एड-हॉक समिति को पुनर्गठित कर WFI के संचालन और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हालांकि, कोर्ट के आदेश के बावजूद समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट में WFI ने दी दलील
WFI ने दावा किया था कि सरकार द्वारा महासंघ को निलंबित किए जाने और एड-हॉक समिति की अनुपस्थिति के कारण भारत अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहा था. टीमों के चयन भी ठप हो गए थे यह बात WFI ने कोर्ट में रखी थी. दिल्ली हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील जयंती मेहता ने मंत्रालय का ताजा आदेश पेश किया, जिससे WFI को चयन, ट्रायल आयोजित करने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में टीम भेजने की अनुमति मिल गई है.
24 दिसंबर 2023 को WFI नई कमेटी को किया था संस्पेंड
24 दिसंबर 2023 को मंत्रालय ने WFI की नव-निर्वाचित कार्यकारी समिति को तत्काल प्रभाव से महासंघ की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के संचालन और प्रबंधन से रोक दिया था. यह फैसला नव-निर्वाचित समिति द्वारा शासन और प्रक्रियात्मक पारदर्शिता में चूक के आरोपों के चलते लिया गया था. इस समिति पर पूर्व पदाधिकारियों का नियंत्रण होने का आरोप था, जिनमें WFI के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह भी शामिल थे, जिन पर कई पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
WFI ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की थी अपील
दिसंबर में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की थी जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल जज के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें कोर्ट ने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा नियुक्त एड-हॉक समिति को महासंघ के मामलों की देखरेख और प्रबंधन का अधिकार बहाल कर दिया था. WFI ने 16 अगस्त के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जिसे सिंगल जज ने पारित किया था. इस फैसले में IOA को WFI के दिन-प्रतिदिन के कार्यों के प्रबंधन के लिए एड-हॉक समिति को बहाल या पुनर्गठित करने की स्वतंत्रता दी गई थी.
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