Bihar Elections 2025: बिहार में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. एनडीए और इंडिया गठबंधन अभी से इसकी तैयारी में लगे हुए हैं. इस बीच बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में बिहार में जो कथा की है, वह इंडिया गठबंधन के साथ-साथ एनडीए गठबंधन के दल ‘जेडीयू’ की भी धड़कनें बढ़ाने वाली है.
दरअसल, जिस बिहार की राजनीति की तासीर हमेशा से जाति रही है, उसे हिंदुत्व की ओर मोड़ने की पूर जोर कोशिश चल रही है. इसी क्रम में वहां पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पांच दिवसीय कथा आयोजित हुई. अपनी कथा में धीरेंद्र शास्त्री ने देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कई बार दोहराई. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सबसे पहले हिंदू राज्य बनेगा. इसके साथ ही धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं को एकजुट रहने की सलाह भी दी.
बिहार में बाबा बागेश्वर की कथा का समापन तो हो चुका है, लेकिन इसके साथ ही यह भी साफ हो चुका है कि बीजेपी इस बार बिहार चुनाव को जातिवाद से दूर रखकर हिंदुत्व की पिच पर खेलना चाहती है. यही कारण है कि बिहार में चुनावी साल में धीरेंद्र शास्त्री की कथा हुई और हर दिन बीजेपी नेता भी उनके दरबार में दिखाई दिए. बीजेपी विधायकों ने उनकी पदयात्रा में भी साथ चलने की बात कही. दूसरी ओर महागठबंधन ने धीरेंद्र शास्त्री की इस कथा का विरोध किया और यात्रा पर भी सवाल खड़े किए.
दरअसल, महागठबंधन की कोशिश है कि यह चुनाव जाति के पिच पर ही बना रहे क्योंकि अगर हिंदुत्व की लहर चल पड़ी तो एक बार फिर बीजेपी बाजी मार जाएगी. यही कारण है कि आरजेडी ने धीरेंद्र शास्त्री की कथा में भी जातिवाद की बात निकाल दी.
दलित विधायकों से नहीं मिले बाबा बागेश्वर!
आरजेडी विधायक प्रेमशंकर यादव ने कहा, ‘बाबा बागेश्वर ने तमाम नेताओं से मुलाकात की और बिहार सरकार में मंत्री दलित समाज से आने वाले सुनील कुमार को चार घंटे का इंतजार कराया फिर भी नहीं मिलने दिया गया.’ आरजेडी के विधायक ने बाबा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया तो जवाब देने खुद मंत्री जी सामने आए.
बिहार सरकार के मंत्री सुनील कुमार ने कहा, ‘हमारे क्षेत्र में बाबा बागेश्वर आए थे. हमें जो समय दिया गया था, उसी समय पर पहुंचे थे. उसके तुरंत बाद एनडीए की बैठक थी, उसमें कार्यकर्ता और नेता आने वाले थे. बाबा व्यस्त थे तो मुलाकात नहीं हो पायी.’
जेडीयू में भी बाबा का विरोध
बाबा पर सत्ताधारी गठबंधन में एक राय नहीं है. जेडीयू नेता भी उनका विरोध कर रहे हैं. हालांकि जेडीयू की तरफ से विरोध का मोर्चा मुस्लिम नेताओं ने संभाल रखा है. गौरतलब है कि बिहार में बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर जेडीयू के साथ खड़े नजर आते हैं. धीरेंद्र शास्त्री के ऐसे बयानों से मुस्लिम वोट बैंक जेडीयू के पाले से खिसक सकता है.
यह भी पढ़ें…