Harshita Brela murder: कोर्ट ने खारिज की आरोपी पंकज लाम्बा के पैरेंट्स की जमानत याचिका

Harshita Brela murder: कोर्ट ने खारिज की आरोपी पंकज लाम्बा के पैरेंट्स की जमानत याचिका


Harshita Brela murder case: लंदन में हर्षिता ब्रेला की हत्या के मामले में दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने मामले से जुड़े मुख्य आरोपी पंकज लाम्बा के माता-पिता की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने पंकज लाम्बा की बहन, चाचा और चाची की अग्रिम जमानत याचिकाओं को भी नामंजूर कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है और अन्य आरोपी भी फरार हो सकते हैं, इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती. एडिशनल सेशन जज गुरमोहिना कौर की कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मामले की जांच अभी शुरुवाती दौर में है और हर्षिता के पिता सतीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष के अनुसार, हर्षिता को शादी के तुरंत बाद दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया और धमकाया गया.  

19 मार्च को पुलिस ने पंकज लाम्बा के पिता दर्शन सिंह और मां सुनील देवी को एक दिन की हिरासत में लिया था. बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. कोर्ट ने यह भी माना कि हर्षिता जब लंदन में थी, तब भी आरोपी परिवार उसके माता-पिता को धमकाता रहा और दहेज की मांग पूरी करने के लिए दबाव बनाता रहा.

अदालत में दी गई अहम दलील 

हर्षिता के पिता की ओर से पेश वकील जय देव सोलंकी ने कोर्ट में दलील दी कि हर्षिता को शादी के अगले दिन से ही दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था. उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक हर्षिता की मौत गला दबाने से हुई है जो कि स्पष्ट रूप से हत्या का मामला है.

अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज

पंकज लाम्बा की बहन उमा, चाचा सतींदर और चाची ललिता की अग्रिम जमानत याचिका भी अदालत ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत एक असाधारण राहत है और इसे केवल विशेष परिस्थितियों में ही दिया जाना चाहिए. दिल्ली पुलिस ने 3 दिसंबर को पलम गांव थाने में आईपीसी की धारा 498ए (महिला के प्रति पति या पति के रिश्तेदार द्वारा क्रूरता) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने आरोपी पंकज लाम्बा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है ताकि वह देश छोड़कर भाग न सके.

मुख्य आरोपी अब भी फरार

इस मामले में मुख्य आरोपी पंकज लाम्बा अभी भी फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है. फिलहाल अदालत के इस फैसले के बाद हर्षिता के परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है.



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