PM Modi-Muhammad Yunus Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (4 अप्रैल 2025) को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के सामने हिंदुओं सहित बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया.भारत ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के सभी मामलों की जांच सहित उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. हालांकि, मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव की ओर से हिंदुओं पर हमलों की खबरों को मनगढ़ंत बताया गया.
मोदी-यूनुस की बैठक को लेकर अनर्गल दावे
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने पीएम नरेंद्र मोदी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भी कई अनर्गल दावे किए थे. मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने कहा कि अल्पसंख्यकों के मुद्दों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया और ज्यादातर मामले मनगढ़ंत थे.
‘बांग्लादेश का बयान राजनीति से प्रेरित’
इस मामले पर न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यूनुस के प्रेस सचिव के बयानों को शरारत से भरा और राजनीति से प्रेरित बताया. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक शफीकुल आलम ने दावा किया कि बैठक में पीएम मोदी ने बताया कि शेख हसीना के मन में मोहम्मद यूनुस को लेकर काफी असम्मानजनक व्यवहार है. इसे लेकर शफीकुल आलम ने फेसबुक पर पोस्ट किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया.
शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर शफीकुल का दावा
शफीकुल ने दावा किया था कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर भारत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि एक दिन हसीना को ढाका प्रत्यर्पित किया जाएगा. एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मोहम्मद यूनुस और पिछली सरकार (शेख हसीना) को लेकर पीएम मोदी के जिस बयान का जिक्र बांग्लादेश कर रहा है, वह पूरी तरह से झूठा है. सूत्रों ने कहा कि इस तरह के बयान अंतरिम सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाते हैं.
दोनों देशों की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि माहौल को खराब करने वाली किसी भी बयानबाजी से बचना चाहिए.