चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर…तेल की गिरती कीमत, सावधान! मंदी का दौर नजदीक है

चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर…तेल की गिरती कीमत, सावधान! मंदी का दौर नजदीक है


Goldman Sachs Report: ट्रेड वॉर का असर अब तेल बाज़ार पर भी दिखने लगा है. Goldman Sachs ने अपने ब्रेंट क्रूड और WTI ऑयल के प्राइस अनुमान में तेज़ी से कटौती की है. ब्रेंट का औसत दाम इस साल अब 69 डॉलर प्रति बैरल और WTI का 66 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान है. इससे पहले यह अनुमान इससे 5 से 6 फीसदी ज़्यादा था.

क्या कहा Goldman Sachs ने?

Goldman Sachs के ऑयल रिसर्च हेड, Daan Struyven ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2026 तक मंदी का खतरा बढ़ रहा है और ऊपर से OPEC+ का बढ़ता प्रोडक्शन… इन सब वजहों से हमें लगता है कि कच्चे तेल के दाम और भी गिर सकते हैं.  इतना ही नहीं, 2026 के लिए ब्रेंट क्रूड का अनुमान अब 62 डॉलर और WTI का 59 डॉलर कर दिया गया है. यानी लॉन्ग टर्म में भी गिरावट की आशंका है.

तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट

गुरुवार और शुक्रवार को कच्चे तेल के दामों में 7 फीसदी से भी ज़्यादा की गिरावट आई. ब्रेंट क्रूड कीमत, 65.58 डॉलर प्रति बैरल थी. जबकि WTI 61.99 डॉलर प्रति बैरल थी. यह दोनों कीमतें 4 साल के सबसे निचले स्तर पर हैं. एक हफ्ते में ब्रेंट 10.9 फीसदी और WTI 10.6 फीसदी गिर गया है यह गिरावट पिछले दो सालों में सबसे बड़ी है.

कारण क्या हैं इस भारी गिरावट के?

कच्चे तेल में इस गिरावट के पीछे कुछ बड़े कारण हैं. जैसे- चीन ने अमेरिका पर 34 फीसदी टैरिफ बढ़ाया, जिससे ट्रेड वॉर और गहरा गया. दरअसल, ट्रंप सरकार ने एक के बाद एक कई देशों पर भारी टैक्स लगा दिए, जो पिछले 100 सालों में सबसे ऊंचे हैं. इसके अलावा, OPEC+ देशों ने अचानक मई से प्रोडक्शन बढ़ाने का ऐलान कर दिया और अब वो 411,000 बैरल प्रति दिन उत्पादन वापस बाज़ार में लाएंगे. पहले ये आंकड़ा 135,000 था. वहीं, रशियन कोर्ट ने Caspian पाइपलाइन टर्मिनल बंद करने की याचिका को खारिज किया, जिससे कजाकिस्तान से सप्लाई जारी रहेगी. इन सभी घटनाओं ने तेल के दामों पर भारी दबाव डाला है.

मंदी की आहट?

JPMorgan अब 60 फीसदी चांस देख रहा है कि इस साल के अंत तक दुनिया भर में मंदी आ सकती है. पहले ये अनुमान 40 फीसदी था. HSBC ने भी तेल की मांग का अनुमान घटा दिया है. अब उन्हें लगता है 2025 में डेली डिमांड सिर्फ 0.9 मिलियन बैरल बढ़ेगी, पहले ये 1 मिलियन थी.

इसका मतलब क्या है आपके लिए?

अगर आप निवेशक हैं, तो ये समय बड़ी चालाकी से फैसले लेने का है. क्रूड की गिरती कीमतें कुछ सेक्टर्स के लिए राहत ला सकती हैं (जैसे एविएशन, पेंट्स, FMCG), लेकिन ट्रेड वॉर और मंदी का डर बाजार को अनिश्चित बना रहा है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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